17 बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपय ले कर विदेश भागने वाले विजय विट्ठल माल्या सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड कर रहे हैं.
मीडिया की खबरों में बताया गया है कि माल्या ने एक दिन में चार हजार करोड़ रुपये विदेश भेजे दिये थे. माल्या के भागने से जहां एक तरफ देश को ठेंगा दिखाने की चर्चा है तो दूसरी तरफ सरकारी तंत्र में छुपे उनको सहयोग करके भगाने वालों की तलाश शुरू हो गयी है क्योंकि माल्या पर लुक आउट नोटिस जारी किया गया था. मतलब ऐसे व्यक्ति को एयर पोर्ट पर रोका जाना जरूरी था. लेकिन इसके बाद भी यह व्यापारी और राज्यसभा का सांसद देश से फरार होने में कामयाब रहा.
बताया जा रहा है कि माल्या भागे नहीं बल्कि भगाये गये हैं.
शक इसलिए गहराता है क्योंकि एक दिन पहले सरकार के वकील माल्या को भागने से रोकने की गुहार लगा रहे थे जबकि दूसरे ही दिन वही वकील बताते हैं कि माल्या तो 2 मार्च को ही भाग गए हैं।
इस मामले में दूसरा शक इसलिए है क्योंकि सीबीआई सवाल उठा रही कि जब माल्या की कंपनी डूब रही थी, तो एक बैंक ने उन्हें 800 करोड़ रु. का लोन कैसे दे दिया? अब इस बैंक का नाम सामने आये और उस बैंक के टाप अफसरों का गिरेबान पक़ा जाये. बल्कि संभव है कि वह बैंकर भी देश से भाग गया हो.
उधर माल्या के भागने पर सोशल मीडिया में घमासान मचा हुआ है. कुछ लोग इस मामले में केंद्र सरकार पर तो कुछ लोग बैंकों पर पिल पड़े हैं. लोगों का कहना है कि भागने से कुछ दिन पहले 800 करोड़ का कर्ज माल्या को तब दिया गया जब उन्होंने जो जमानत बैंक को दी वह कर्ज से मात्र 20 फीसद का था.
वसीम अकरम त्यागी ने लिखा है कि
पंडित विजय माल्या देश के 9000 करोड़ रूपये लेकर विदेश भाग गया। किसी की भी देशभक्ती नहीं जागी। भारत माता के ‘सच्चे’ सपूतों को तो इसमें कुछ गलत भी नहीं नजर आयेगा फिर जोर की देशभक्ती लगना तो बहुत दूर की बात है।