नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में आमिर हंजला की शहादत, पुलिस ने किया कंफर्म
पटना की फुलवारी शरीफ पुलिस ने नौकरशाही डॉट कॉम से पुष्टि की है कि आमिर हंजला 21 दिसम्बर को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान शहीद हो गये थे.
21 वर्षीय आमिर हंजला की लाश को पुलिस ने रिकवर किया और पोस्टमार्टम भी करवाया. हंजाला को आज ही पुलिस की देख रेख में सुपुर्दे खाक कर दिया गया.
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काबिले जिक्र है कि 21 दिसम्बर को राष्ट्रीय जनता दल ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ बिहार बंद का आह्वान किया था. पटना के फुलवारी शरीफ में हजारों लोग बंद में शामिल थे इसी दौरान असमाजिक तत्वों ने, जिनके बारे में आरोप है कि वे बजरंग दल से जुड़े लोग थे, ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी कर दी. इस दौरान चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए जिन्हें एम्स भेजा गया. लेकिन इस दौरान आमिर हंजला की मौत हो गयी पर उनका डेड बॉडी रिकवर नहीं हुआ था.
फुलवारी थाना के पुलिस अफसर रफीकुर रहमान ने नौकरशाही डॉट कॉम के एडिटर इर्शादुल हक को बताया है कि डेड बॉडी का पोस्टमार्टम के बाद आखिरी रसूमात अदा कर दी गयी है. उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की डिटेल के बारे में अनभिज्ञता जताई लेकिन कहा कि फिजिकल असेट से इनकार नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि इस मामले में चार एफआईआर दर्ज किये गये हैं और अब तक कुल 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता काशिफ युनूस ने इस हादसे पर गहरी संवेदना जताई और कहा है कि आमिर हंजला की शहादत नाकाम नहीं जायेगी. उन्होंने कहा कि हम नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रखेंगे. काशिफ ने कहा कि आमिर हंजाला को देश विरोधी ताकतों ने मार डाला. उन्होंने अपील की है कि सरकार हंजला के परिवार को कम्पनसेशन दे. काशिफ की शहादत पर इमारत शरिया के मौलाना सुहैल अख्तर ने कहा कि इस मासूम की आखिर गलती क्या थी जो उन पर गोली चलाई गयी.
एक साधारण परिवार से आने वाले आमिर हंजला फुलवारी शरीफ के हारून नगर स्थित सेक्टर 3 के रहने वाले थे. वह बैग बनाने वाले कारोबारी के यहां काम कर रहे थे और 21 दिसम्बर को नागिरकता कानून के खिलाफ बंद के दौरान प्रदर्शन में शरीक हुए थे.