आपने जिन हेल्थ वर्करों के लिए ताली बजाई, उनका इंश्योरेंस खत्म
कोरोना काल में हेल्थ वर्करों को कोरोना योद्धा कहा गया। पिछले साल केंद्र ने उनके लिए 50 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस किया था। अब यह इंश्योरेंस खत्म हो गया है।
पिछले साल हेल्थ वर्करों के लिए लोगों ने फूल बरसाए थे, ताली बजाई थी। केंद्र सरकार ने हेल्थ वर्करों के लिए 50 लाख का बीमा तय किया था। अब केंद्र सरकार ने उस बीमा को समाप्त कर दिया है। अब हेल्थ वर्कर बिना बीमा सुरक्षा के हैं। सरकार ने कहा है कि वह नई पॉलिसी लेकर आएगी। अब जबतक नई पॉलिसी नहीं आती, ये हेल्थ वर्कर बिना बीमा के रहेंगे।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक सरकार नई इंश्योरेंस कंपनी के साथ बातचीत कर रही है। अब देखना है कि सरकार कब वार्ता पूरा करती है और कब नई पॉलिसी आती है।
बिहार में ऑक्सीजन की कमी न होने का सीएम का दावा झूठा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंडिया टुडे की खबर के साथ ट्विट किया-कोविड की दूसरी लहर के बीच हेल्थ वर्कर बिना बीमा के। राहुल ने कहा-भारत सरकार, आप सरासर अकृतज्ञ हैं।
बिहार कैबिनेट की मीटिंग में क्या हुआ
इस बीच आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 9 एजेंडे पर मुहर लगी। आश्चर्य इस बात पर होगी कि इन नौ एजेंडों में एक भी एजेंडा कोविड की दूसरी लहर से निबटने पर नहीं है।
कोरोना से त्रस्त देश ने प्रधानमंत्री मोदी से पहली बार मांगा इस्तीफा
कोविडकाल में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक का पहला एजेंडा पास हुआ- वाहन खरीदनेवालों को मनपसंद रजिस्ट्रेशन नंबर खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। च्वाइस नंबर ज्यादा बेचनेवाली एजेंसियों को प्रात्साहन राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक महत्वपूर्ण एजेंडा राजगीर में नेचर सफारी के विकास पर था। कैबिनेट ने नेचर सफारी ओपी का सृजन किया और संचालन के लिए 96 पदों की स्वीकृति दी।
बिहार में हालत यह है कि कोई किसी अन्य बीमारी से भी मरणासन्न हो, तो उसे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस मिलना कठिन है। नौकरशाही डॉट काम के पास ऐसा ही फोन आने पर परेशान परिवार को एक एंबुलेंसवाले का नंबर दिया गया।