अब दुबारा संसद का मुंह नहीं देख पाएंगे गिरिराज! टिकट कटने की चिंता
अब दुबारा संसद का मुंह नहीं देख पाएंगे गिरिराज! टिकट कटने की चिंता। BJP में धुआंधार टिकट कट रहे। क्या 71 साल के गिरिराज की पारी खत्म होनेवाली है?
भाजपा के कई बड़बोले नेता आजकल परेशान हैं। मध्य प्रदेश के कई ऐसे नेताओं का कद छोटा हो गया है। बिहार से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी चिंतित हैं। उन्हें इस बात की चिंता है कि पता नहीं उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव में टिकट मिलेगा भी या नहीं। उनके लिए यह शायद आखिरी चुनाव होगा, क्योंकि वे 71 साल के हो चुके हैं। 2029 में वे 76 वर्ष के हो जाएंगे। इसलिए अगर उन्हें इस बार टिकट नहीं मिला, तो उनकी राजनीतिक पारी खत्म हो जाएगी। और उसके बाद क्या होल होता है यह आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के उदाहरण से कोई भी समझ सकता है, जिन्हें राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में आने से ही मना कर दिया गया है।
संघी पाठशाला में अफवाहबाज़ी का प्रशिक्षण लेने वाले @girirajsinghbjp के नवीनतम झूठ की @yadavtejashwi बड़ी शालीनता से हवा निकाल दी।#BlockbusterSalaar#Salaar #GodiMedia#BajrangPunia @activistritu @RJDforIndia pic.twitter.com/557YTpDLrf
— naukarshahi.com (@naukarshahi) December 22, 2023
दरअसल गिरिराज सिंह अपने टिकट कटने की चिंता से परेशान हैं, इस बात का खुलासा शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया। दिल्ली से पटना आने के दौरान तेजस्वी यादव और गिरिराज सिंह हवाई जहाज में अगल-बगल बैठे थे। दोनों में बातचीत भी हुई। इसी बातचीत में गिरिराज सिंह ने अपने टिकट कटने की चिंता जाहिर की। तेजस्वी यादव ने आज खुलासा करते हुए कहा कि गिरिराज सिंह टिकट कटने की चिंता से परेशान हैं। जिस प्रकार मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों का मनोनयन किया गया, जिस प्रकार कई केंद्रीय मंत्रियों को विधनसभा चुनाव लड़ने भेज दिया गया। संसद से इस्तीफा दिलवा दिया गया, वह उन्हें चिंता में डाल रही है। जो कल तक केंद्रीय मंत्री थे आज सिर्फ एक विधायक बन कर रह गए हैं। उनसे बहुत जूनियर यहां तक कि पहली बार विधायक बने नेता को भी मुख्यमंत्री बना दिया गया।
भाजपा में सबकुछ अनिश्चित हो गया है। किसका टिकट कटेगा और कौन मुख्यमंत्री बन जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। इसके लिए कोई पैमाना नहीं है। सबकुछ दिल्ली से तय हो रहा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह वाजपेयी की भाजपा नहीं है, मोदी-शाह की भाजपा है। यहां सारी शक्ति बस इन्हीं दो लोगों या कहिए एक व्यक्ति के हाथ में केंद्रित है। इसलिए भाजपा के बड़े नेता भी डरे हुए हैं, अनिश्चय के शिकार हैं। तो फिर वही सवाल कि क्या कभी बांग्लादेशी घुसपैठिए की बात करने वाले, कभी कौन सा मीट खाना चाहिए इस पर बयान देने वाले गिरिराज का टिकट भी कटने वाला है, क्या उनकी जगह कोई युवा नेतृत्व को भाजपा मौका देगी। आखिर सुशील कुमार मोदी मंत्री बनने के वेटिंग लिस्ट में ही रह गए।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज के झूठ को तेजस्वी ने किया बेनकाब