अब यति को मोदी भी नहीं बचा पाएंगे, जाएगा जेल
हरिद्वार में बीस लाख मुस्लिमों के कत्लेआम का आह्वान करनेवाला यति अब जल्द जेल जाएगा। उसे मोदी भी नहीं बचा पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश।
सुप्रीम कोर्ट ने आज हरिद्वार धर्म संसद की आड़ में मुस्लिमों के खिलाफ जहर उगलने और देश की अंतराष्ट्रीय छवि पर दाग लगाने के मामले में कड़ा निर्देश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को इस मामले में 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। इस फैसले से नफरती जमात में दहशत फैल गई है। अब यति नसिंहानंद का बचना मुश्किल है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पटना हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश अंजना प्रकाश और वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
लखीमपुर में थार जीप से किसानों को रौंद कर मारने के मामले में भी यूपी की भाजपा सरकार टालमटोल कर रही थी। केंद्रीय मंत्री के बेटे को पकड़ने के बजाय कहती रही कि जांच हो रही है, जबकि पूरा देश वीडियो देख चुका था, एफआईआर में नाम था। जब सुप्रीम कोर्ट ने हस्तेक्षप किया, तब आनन-फानन में केंद्रीय मंत्री का बेटा गिरफ्तार किया गया। बाद में पुलिस रिपोर्ट में रौंदकर मारे जाने को पुलिस ने जानबूझकर की गई हत्या माना है।
लखीमपुर की तरह ही हरिद्वार केस भी है। पूरा देश चीख-चीखकर कहता रहा कि यति और दूसरे भगवाधारी गुंडों को गिरफ्तार किया जाए, लेकिन उत्तराखंड पुलिस के बड़े अधिकारी यति के साथ हंसी-ठिठोली करते रहे। इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी को IIM के सैकड़ों छात्रों ने पत्र लिखा, पर वे पहले की तरह मौन ही रहे। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तय है कि 10 दिनों के भीतर उत्तराखंड सरकार यति और दूसरे नफरती को गिरफ्तार करेगी, ताकि सुप्रीम कोर्ट में नौकरी बचाई जा सके।
अब स्थिति ऐसी बन गई है कि आप पुलिस-प्रशासन से कानून के अनुसार काम करने की उम्मीद नहीं कर सकते। पुलिस अपना काम करने के बजाय सरकार में बैठे लोगों के इशारों पर काम करने लगी है, जो किसी लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। गनीमत है कि सुप्रीम कोर्ट रह-रहकर कुछ मामलों में संज्ञान ले रहा है, जिसके बाद पुलिस प्रशासन को कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
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