यूपी के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी के आदेश को वहां के कई नौकरशाह कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं. इसलिए भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम पर सवाल उठने लगे हैं.
सरकार गठन के सात महीने हो गये. मुख्यमंत्री ने अपने नौकरशाहों को आदेश दिया था कि वे अपनी सम्पत्ति का व्यौरा सार्वजिनक करें. उनके आदेश का पालन काफी नौकरशाहों-अफसरों ने किया है. लेकिन अभी तक दर्जनों ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है.
ईटीवी यूपी के अनुसार शुरुआती एक दो रिमाइंडर के बाद सभी मांत्रियों ने तो अपनी संपत्ति का ब्यौरा दे दिया. यही नहीं ज्यादातर आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अफसरों ने भी अपनी संपत्ति का ब्यौरा दे दिया. लेकिन करीब 30 आईएएस और 26 पीसीएस अफ़सर ऐसे हैं जो बार-बार चेतावनी के बावजूद अपनी संपत्ति का ब्यौरा नही दे रहे हैं.
बता दें यूपी की नौकरशाही में कुल 621आईएएस अफसर हैं, जिनमें सीधी सिविल सेवा से भर्ती हुए और राज्य प्रशासनिक सेवा से प्रोन्नत हुए अफसर शामिल हैं. इनमें से 30 अधिकारियों ने अब तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है.
वहीं पीसीएस अफसरों में कुल 950 पीसीएस अफसर हैं, जिनमें 26 ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नही दिया है.