Advantage Care कमर बढ़ी, तो सचेत हों, हो सकती है डायबिटीज
डॉ. सुजीत झा इंडोक्रायनोलॉजिस्ट हैं। डायबिटीज विशेषज्ञ हैं। लंबे समय से दिल्ली मैक्स अस्पताल में कार्यरत हैं। डॉ. झा से जानिए डायबिटीज से बचाव के उपाय।
परिचय: डॉ. सुजीत झा दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित मैक्स हेल्थ केयर ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल में इंडोक्रायनोलॉजिस्ट हैं। इनकी मधुमेह (डायबिटीज) में विशेषज्ञता है। मुजफ्फरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद डॉ. झा यूनाइटेड किंगडम से मेडिसिन में एमआरसीपी किया। यूनाइटेड किंगडम में ही इंड्रोक्रोनोलॉजी में ट्रेनिंग हासिल की। पढ़ाई और ट्रेनिंग समाप्त करने के बाद दिल्ली मैक्स अस्पताल ज्वाइन कर लिए। 15 वर्षों से यहीं सेवा दे रहे हैं। यहां वो इंडोक्रायनोलॉजी एंड डायबिटीज विभाग के प्रिंसपल डायरेक्टर हैं। डॉ. झा बिहार के मुजफ्फरपुर के रहनेवाले हैं। इन्होंने डायबिटीज पर काफी शोध किया है। इनके अब तक 50 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं, जिसका प्रेजेंटेशन इन्होंने विभिन्न देशों में भी दिया है।
प्रश्न: मधुमेह या डायबिटीज क्या होता है? किसे मधुमेह कहते हैं?
उत्तर: रक्त में चीनी की मात्रा जब निर्धारित मानक से बढ़ जाती है तो इसे डायबिटीज या मधुमेह कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह मानक 125 एमजी (खाली पेट)है। शोध में पाया गया है कि 125 एमजी से अधिक शुगर या चीनी रक्त में बढ़ने पर आंख, किडनी, हर्ट आदि की समस्या उपजने लग रही है। 20 प्रतिशत लोगों में देखा गया है कि 125 एमजी से अधिक शुगर होने पर आंख की समस्या होने लग रही है। खाना खाने के बाद शुगर 200 एमजी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अन्यथा आप खतरे में हैं।
प्रश्न: मधुमेह किस अंग के काम नहीं करने पर होता है?
उत्तर: पैंक्रियाज का काम इंसुलिन बनाना है। जब यह जरूरत के हिसाब से इंसुलिन नहीं बनाता तो मधुमेह होता है। अत्यधिक मोटापा के कारण इंसुलिन सही से काम नहीं करता है। पेन्क्रियाज 50 प्रतिशत से कम इंसुलिन जब बनाने लगता है तब व्यक्ति को मधुमेह होता है। उम्र के हिसाब से इंसुलिन का उत्पादन घटता है।
प्रश्न: मधुमेह भारत में महामारी बन चुका है। क्या कारण है?
उत्तर: हमारे देशवासियों को यूरोप या अमेरिका के मूल निवासी की अपेक्षा मधुमेह का तीन गुना ज्यादा खतरा होता है। यूरोप के अपेक्षा हम भारतीय को कम उम्र में डायबिटीज का खतरा होता है। इसका मुख्य कारण ज्यादा वजन और कमर की साइज का अधिक होना है।
प्रश्न: सबसे ज्यादा मोटापा तो अमेरिकन में होता है। भारत तो मेहनतकश लोगों का देश है। फिर भी भारत में ही इतना मधुमेह क्यों?
उत्तर: स्टडी में जो बातें आई हैं उसके अनुसार भारत का पर्यावरण एक कारण है। यह हमारे जीन को प्रभावित करता है। इसलिए हिन्दुस्तानियों, पाकिस्तानियों या बांग्लादेशियों में मधुमेह के रोगी ज्यादा हैं। हालांकि यह कारण कैसे जीन को प्रभावित कर रहा है, यह तय नहीं हो पाया है। पाकिस्तान और बांग्लादेश में मधुमेह भारत से भी ज्यादा है। एक शोध आया है, जिसमें लंदन में रहनेवाले भारतीय और वहां के मूल निवासियों अर्थात गोरे को शामिल किया गया। इसमें देखा गया है कि समान वजन, समान कद, खानपान भी समान है, बावजूद ब्रिटिश भारतीय को गोरे अंग्रेज के अपेक्षा तीन गुना ज्यादा डायबिटीज का खतरा है।
प्रश्न: गांवों में भी लोगों को मधुमेह हो रहा है, जबकि उन्हें मीठा सामान खाने को बहुत कम मिलता है और वो मेहनत भी ज्यादा करते हैं।
उत्तर: उनके कमर का आकार भी बढ़ रहा है। ऐसे में वहां भी मधुमेह के रोगी हो रहे हैं। भारत के नए और पुराने शहरों के लोगों के बीच स्टडी हुआ है। इसमें देखा गया है कि नए बसे शहर में मधुमेह के रोगी ज्यादा हैं। इसका कारण व्यायाम का अभाव और कमर का आकार बढ़ना है। मधुमेह होने का यह दो सबसे बड़ा कारण है।
प्रश्न: हाल में मीडिया में एक न्यूट्रीशियनिस्ट के हवाले खबर आई कि 200 एमजी से तक यदि शुगर है तो सिर्फ खान पान पर ध्यान देने की आवश्यकता है। घबराने की जरूरत नहीं है। इस पर आप क्या कहेंगे?
उत्तर: व्यक्ति तो 500 एमजी शुगर होने पर भी घंटों बात कर सकता है। समस्या पांच साल बाद शुरू होगी जब तरह-तरह की बीमारियां होंगी। समझने वाली बात है कि आखिर क्यों किसी का शुगर स्तर 200 एमजी पार होने के बाद बीमा कंपनियां बीमा नहीं करती। उन्हें पता है कि इसमें रिस्क ज्यादा होगा। ग्राहक को कई बीमारियां हो सकती हैं। मधुमेह बहुत सारी बीमारियों को जन्म देता है।
प्रश्न: मधुमेह न हो, इसके लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: इसके लिए बचपन से ध्यान देना होगा। नवजात अवस्था से ही शिशु को चीनी न दें या बेहद कम मात्रा में दें। शरीर को बाहर से सीधे शुगर की जरूरत नहीं होती है। दूध और दूसरे आहार से हमारे शरीर को जरूरत के मुताबिक ग्लूकोज मिल जाता है। मैदा बचपन से कम खिलाएं। बचपन से फल और सब्जी ज्यादा-से-ज्यादा दें। मोटापा रोकें और व्यायाम करें। व्यस्क हैं तो पांच से सात प्रतिशत वजन कम करें। रोज 30 मिनट पैदल तेजी से चलें या 150 मिनट हर सप्ताह तेजी से चलें या 5000 कदम हर रोज चलें। टहलने का कोई भी समय हो सकता है; सुबह, दोपहर, शाम या रात। जब समय मिले या सहूलियत हो, टहलें। वैज्ञानिक का कहना है कि डायबिटीज का शुरुआत में ही इलाज करें।
प्रश्न: जो पतले-दुबले होते हैं, लेकिन चीनी की मात्रा सामान्य तरीके से ले रहे हैं तो उन्हें मधुमेह का खतरा नहीं होता है?
उत्तर: ऐसे व्यक्ति को कम खतरा होता है। 30 वर्ष के बाद शुगर का ज्यादा खतरा होता है।
प्रश्न: देखा गया है कि कई बार बच्चों या बेहद युवा लोगों को भी मधुमेह हो जाता है। क्या कारण हो सकता है?
उत्तर: उनका किसी कारण से पैंक्रियाज सही से काम नहीं करता है तो उन्हें मधुमेह हो जाता है।
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प्रश्न: क्या ऐसे पैंक्रियाज को ठीक किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं। ऐसे लोगों का पेन्क्रियाज पांच से 10 प्रतिशत भी काम नहीं करता है। जीवन भर इंसुलिन लेना पड़ता है।
प्रश्न:मधुमेह हो जाने पर इसे कैसे नियंत्रित रखा जाए?
उत्तर: 30 मिनट वॉक। धरती का खाना अर्थात खेत से सीधे थाली में अनाज आना चाहिए। जब अनाज प्रोसेस होता है तब समस्या बढ़ जाती है।
प्रश्न: आपकी हॉबी क्या है?
उत्तर: शोध करना।
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