मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से निपटने के लिए चिकित्सकों को रोग के कारणों का विस्तृत अध्ययन करने का निर्देश देते हुए आज कहा कि इसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।
श्री कुमार ने यहां एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में ए0ई0एस0 से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विचार के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकीय दल के साथ बैठक की। चिकित्सकीय दल में आयुर्वेद चिकित्सक के साथ-साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना, इंदिर गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पटना, और श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर के चिकित्सक शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान चिकित्सकों से एईएस के कारणों एवं इससे संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सक से प्राप्त सुझावों पर एलोपैथिक विशेषज्ञों से इसकी जांच एवं उसपर अध्ययन करने को कहा। उन्होंने दवा के प्रयोग के साइड इफेक्ट के भी अध्ययन करने के निर्देश दिये। उन्होंने चिकित्सकों से इस रोग के कारणों का अध्ययन करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।
कुमार ने कहा कि एईएस के संबंध में वर्ष 2015 में विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों की बैठक हुई थी। एईएस पर अभी भी रिसर्च का काम जारी है। सरकार सामाजिक और आर्थिक सर्वे भी करवा रही है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद कई और कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ए0ई0एस0 प्रभावित क्षेत्रों के सभी परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। जीविका के माध्यम से सभी परिवारों को जोड़ा जा रहा है। लोगों में जीविका के माध्यम से जागरुकता फैलायी जा रही है। स्वच्छता के लिए, हर घर शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। स्वच्छ पेयजल के लिए हर घर नल का जल योजना चलायी जा रही है। जो कुछ संभव हो सकता है सर्वे रिपोर्ट आने के बाद और कदम उठाएं जायेंगे।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित कई वरीय चिकित्सक उपस्थित थे।