अभी संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर के अपमान का मामला शांत भी नहीं पड़ा है कि बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन पर विवादित टिप्पणी कर दी है। उन्होंने गोवा के एक कार्यक्रम में कहा कि अंग्रेज सत्याग्रह से डर कर नहीं भागे, बल्कि हथियारबंद आंदोलन के भय से भागे। उनका यह बयान गांधी के सत्याग्रह के महत्व को कम करने के साथ पूरे स्वतंत्रता आंदोलन में शहीदों का अपमान भी है। अकेले 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था, सैकड़ों युवाओं ने शहादत थी।
बिहार के राज्यपाल ने कहा कि अंग्रेज सत्याग्रह के डर से नहीं भागे थे, बल्कि देशभर में जारी सशस्त्र आंदोलन के भय से उन्हें लगा कि अब उनके भारत छोड़ने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश संसद में उस समय की बहसों को देखिए, तो पता चलेगा कि आंग्रेज सशस्त्र आंदोलन से कितना घबरा गए थे। उन्होंने कहा कि इतिहास को सही ढंग से बताया जाना चाहिए।
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अम्बेडकर के अपमान पर मुस्लिम नेता ने संभाला मोर्चा
याद रहे इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था कि आंबेडकर का नाम लेने के बदले भगवान का नाम लेते, तो स्वर्ग मिल जाता। उनके इस बयान के बाद देशभर में विरोध हो रहा है। शनिवार को राजस्थान में युवा कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें छोड़ी गईं। देश भर के दलित-बहुजन संगठनों के अलावा सभी विरोधी राजनीतिक दल भाजपा पर आंबेडकर विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच बिहार के राज्यपाल के इस बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है।