सीतामढ़ी में हाजत में हत्या के बाद,जमुई में पुलिस ने मुस्लिम युवा को किया अधमरा
पिछले दिनों सीतामढ़ी में हाजत में दो अलपसंख्यक युवाओं हाजत में पीट कर हत्या करने के बाद अब जमुई पुलिस ने अल्पसंख्यक समाज के एक युवा को पीट कर अधमरा कर दिया है.
यह बर्बरतापूर्ण घटना मुकेश सिंह नामक सबइंस्पेक्टर ने अंजाम दिया है जो जमुई थाने में बबर खान नामक युवा को थर्ड डिग्री का व्यवहार किया. उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां से चिकित्सक ने पीएमसीएच रेफर कर दिया है.[tabs type=”horizontal”][tabs_head][tab_title]जुल्मी पुलिस[/tab_title][/tabs_head][tab][/tab][/tabs]
आपको बता दें कि इस मामले में राजद नेता विजय प्रकाश यादव का कहना है कि मुकेश सिंह एक लाइन हाजिर पुलिसकर्मी है जिसे जमुई थाना से कोई सरोकार नहीं. विजय प्रकाश कहते हैं कि मुकेश सिंह अनाधिकृत रूप से थाने में घुस कर युवक की पिटाई की.
बताया जाता है कि जमुई में बालू और दारू के अवैध कारोबार में पुलिस के आला अधिकारी भी संलिप्त हैं और मुकेश सिंह पर भी विजय प्रकाश ने आरोप लगाया है कि वह दारू माफिया को संरक्षण देते हैं.
इस बीच बबर खान पर स्थानीीय डीएसपी ने दबाव बनाया है कि वह पुलिस पर किया गया केस वापस लें नहीं तो उस पर देशद्रोह जैसे संगीन आरोप लगा कर अंदर कर दिया जायेगा. विजय प्रकाश ने इस संबंध में मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसी भी हाल में बबर केस वापस नहीं लेंगे.
इस बीच विजय प्रकाश यादव ने डीजीपी से फोन पर शिकायत की है कि इस संगन अपराध करने वाले पुलिसकर्मी पर कानूनी कार्रवाई की जाये.
मालूम हो कि बबर खान रुई का व्यवसाय करते हैं लेकिन पुलिस ने उन पर दारू का व्यवसाय करने का झूठा आरोप लगाया है. विजय प्रकाश ने कहा है कि यहां का प्रशासन खुद दारू और बालू के काले व्यवसाय में लगा है और किसी को भी उलटा दारू का कारोबारी घोषित करके फंसा दिया जाता है.
बबर खान की हालत नाजुक
बबर खान की हालत नाजुक है और उन्हें पीएमसीएच में ले जाने की बात स्थानीय डाक्टर ने कही है.
आपको बता दें कि पिछले ही हफ्ते सीतामढ़ी के डुमरा थाना में पूर्वी चम्पराण के अलप्संख्यक समुदाय के गुफरान और उसके भाई को पुलिस ने हाजत में बुरी तरह से पीटा जिसके बाद दोनों की मौत हो गयी. इस मामले में आईजी पुलिस ने थानेदार को निलंबित कर दिया है. इस घटना का शोर अभी थमा भी नहीं था कि जमुई में इसी तरह की घटना को पुलिस ने अंजाम दिया है. इससे अल्पसंख्यक समुदाय में नीतीश प्रशासन के प्रति लोगों में काफी मायूसी है.