Agniveer का रैंक सिपाही से नीचे होगा, कोर्ट में केंद्र का जवाब

Agniveer के संबंध में नई जानकारी यह है कि उनका रैंक सिपाही से भी नीचे होगा। केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में दिया जवाब। और क्या कहा…।

प्रतीकात्मक फोटो

पहले सेना में भर्ती होने वाले स्थायी होते थे। उन्हें पेंशन आदि सारी सुविधाएं मिलती थीं। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नई योजना लाई है, जिसमें अब सीधी और स्थायी भर्ती नहीं होगी, बल्कि ठेके पर चार साल तक सेवा देने के बाद बाहर हो जाएंगे। अब नई जानकारी यह है कि इन अग्निवीरों का रैंक सिपाही से नीचे होगा।

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जब यह जानकारी दी कि अग्निवीरों का रैंक सिपाही से नीचे होगा, उसके बाद से मामला चर्चा में है। प्रमुख अखबारों और टीवी चैनलों ने इस खबर को गायब कर दिया।

द वायर ने केंद्र सरकार के निर्णय और इससे जुड़े तथ्यों को विस्तार से लिखा है। लिखा है कि केंद्र सरकार ने बीते बुधवार (14 दिसंबर) को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि अग्निवीर पूरी तरह से अलग कैडर है और भारतीय सेना, नौसेना या वायुसेना में शामिल होने पर अग्निवीर की भारतीय सशस्त्र बलों के साथ चार साल की सेवा को नियमित सेवा के रूप में नहीं माना जाएगा। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष यह दलील दी।

अग्निवीर योजना के संबंध में केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि अग्निवीरों में सिर्फ 25 फीसदी ही स्थायी हो सकेंगे, शेष 75 फीसदी अग्निवीरों को बाहर जाना होगा। सरकार की इस योजना के खिलाफ पिछले दिनों कई प्रदेशों में विरोध भी हुए थे। सोशल मीडिया पर कई वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। उनमें एक यह है, देखिए-

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By Editor


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