अग्निवीर के जमाने में बिहार सरकार ने शिक्षकों को दिया राज्यकर्मी का दर्जा
अग्निवीर के जमाने में बिहार सरकार ने शिक्षकों को दिया राज्यकर्मी का दर्जा। ऐतिहासिक फैसला। एक तरफ स्थायी को अस्थायी नौकरी में बदला जा रहा है, वहीं…।
नौकरियों के मामले में देश में उल्टी गंगा बह रही है। पहले जो स्थायी नौकरियां थीं, उन्हें अब अस्थायी, अनुबंध पर किया जा रहा है। सेना में अग्निवीर भर्ती हो रहे हैं। इस दौर में बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का निर्णय लिया। इसे बिहार सरकार का ऐतिहासिक फैसला कहा जाएगा। राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए सोशल मीडिया पर कई बार अभियान चलाए गए, लेकिन जब नीतीश-तेजस्वी सरकार ने अपना वादा पूरा कर दिया, तब थैंक्स बोलने वाले सोशल मीडिया पर कम ही दिख रहे हैं। वैसे राजद और जदयू के कई नेताओं ने राज्य की महागठबंधन सरकार को धन्यवाद दिया है।
नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने से अब उन्हें कई लाभ मिलेंगे। कई भत्ते, स्थानांतरण, प्रोन्नति जैसे कई लाभ मिलेंगे। सबसे बड़ी बात है कि अस्थायी नौकरियों के दौर में उन्हें राज्य सरकार ने उनकी नौकरी स्थायी कर दी है। वे और उनके परिजन अब निश्चिंत रह सकेंगे। पौने चार लाख शिक्षकों को लाभ मिलेगा। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी। इसके लिए उन्हें तीन मौके मिलेंगे। नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक की जगह अब सहायक शिक्षक कहा जाएगा।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा 2020 में तेजस्वी जी का संकल्प रहा है कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देंगे। धन्यवाद नीतीश+तेजस्वी। धन्यवाद महागठबंधन सरकार। हम जुमलेवाजी नहीं करते। वादे हैं तो इरादे भी। जो कहते हैं वो करते हैं। माले नेता धीरेंद्र झा ने कहा-नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए महागठबंधन सरकार को बधाई!शिक्षक संगठनों के साथ साथ भाकपा माले व अन्य लेफ्ट पार्टियों की बड़ी भूमिका रही है।माले युवा नेता संदीप सौरभ को नेतृत्व देने के लिए विशेष बधाई!
अयोध्या में उद्घाटन से पहले राममंदिर ट्रस्ट व RSS-VHP में फूट