अगुआनी घाट पुल टूटने पर अब फंसी IAS प्रत्यय अमृत की गर्दन

अगुआनी घाट पुल टूटने के मामले में अब नया एंगल आ गया है। पहली बार निशाने पर आए IAS प्रत्यय अमृत। इस बार बच पाएंगे या विभाग से होगी छुट्टी?

अगुआनी घाट पुल टूटने के मामले में अब नया एंगल आ गया है। बिहार के IAS अफसरों में सबसे ताकतवर आईएएस प्रत्यय अमृत पहली बार फंस गए हैं। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता रहै है। बिहार के प्रशासनिक गलियारे में कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री एक ही पुल के दो बार गिरने से खासे नाराज हैं। दो बार पुल गिरने से प्रत्यय अमृत का ग्राफ गिरा है और लोग पूछ रहे हैं कि क्या इस बार उन पर गाज गिरने वाली है?

जदयू विधायक डॉ. संजीव ने आईएएस प्रत्यय अमृत पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने सोमवार को मीडिया से कहा कि पुल के बार-बार गिरने के लिए पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत सीधे जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि पिलर में दरार आ गई थी। उन्होंने तस्वीर खींच कर प्रत्यय अमृत को दिखाई, तो बोले कि इसे तोड़कर हटा दिया जाएगा, लेकिन उसी पिलर पर सुपर स्ट्रक्चर का काम कैसे चलता रहा। विधायक ने कहा कि उन्होंने विधानसभा में भी पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे।

जदयू विधायक ने पुल गिरने की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की मांग की तथा विभाग के सारे बड़े अफसरों को भी जांच के दायरे में लाने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि पुल गिरने की जांच प्रक्रिया से आईएएस प्रत्यय अमृत को अलग रखा जाना चाहिए, तभी सच्चाई सामने आ पाएगी।

यह सच है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे चहेते अधिकारी आईएएस प्रत्यय अमृत रहे हैं, लेकिन यह भी सच है कि जब खुद मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हो, तो वे शायद ही किसी अधिकारी को बचाने की कोशिश करें। वैसे भी नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों को एकजुट कर रहे हैं और उस बीच ऐसी घटना से उनके राष्ट्रीय प्रयासों को धक्का लगता है। पुल का गिरना, वह भी दोबारा गिरना खुद मुख्यमंत्री की छवि पर दाग के समान है, जिसे वे कड़ाई से पेश आकर धोना चाहेंगे। आईएएस प्रत्यय अमृत की गर्दन तो फंस चुकी है, अब देखें किस स्तर की कार्रवाई होती है।

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