ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) बिहार के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ 26 मार्च को पटना के गर्दनीबाग में आयोजित होने वाले विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए राज्यभर के मुसलमानों से भारी संख्या में इसमें शामिल होने की अपील की है।
अख्तरुल इमान ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और संवैधानिक स्वायत्तता पर सीधा हमला है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “वक्फ संपत्तियां मुसलमानों की धार्मिक धरोहर हैं, जिन्हें किसी भी कीमत पर सरकार के नियंत्रण में जाने नहीं दिया जाएगा। यह बिल शरीयत और संविधान दोनों के खिलाफ है, और हम इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे।”
सरकार मुस्लिम संपत्तियों को हड़पने की साजिश कर रही है: अख्तरुल इमान
AIMIM प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वक्फ संपत्तियां मस्जिदों, मदरसों, गरीबों, यतीमों और समाज के वंचित तबकों के हित के लिए होती हैं। सरकार इस बिल के जरिए इन्हें अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रही है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह केवल संपत्ति का मामला नहीं, बल्कि मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का सवाल है। सरकार को हमारी संपत्तियों पर कब्जा जमाने की बजाय उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए।”
सभी मुस्लिम संगठनों से एकजुट होने की अपील
अख्तरुल इमान ने कहा कि 26 मार्च को पटना के गर्दनीबाग में जो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, उसमें AIMIM कार्यकर्ता पूरे प्रदेश से भाग लेंगे। उन्होंने मुस्लिम समाज के अन्य धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से भी इस प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की।
उन्होंने कहा, “यह समय खामोश बैठने का नहीं है। अगर हम आज आवाज़ नहीं उठाएंगे, तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। यह संघर्ष केवल वक्फ संपत्तियों का नहीं, बल्कि हमारी पहचान, धर्म और हक की हिफाजत का है।”
मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन के महासचिव इंजीनियर आफताब ने कहा कि ये बिल बिहार के तीन राजनीतिक दलों व उनके नेता नीतीश कुमार ,चिराग पासवान और जीतन राम मांझी का लिटमस टेस्ट है,जिनकी राजनीति को मज़बूत रखने में मुसलमानों का अहम किरदार रहा है लेकिन वो बस इफ्तार पार्टी करा कर टोपी पहन कर टोपी पहनाते रहे हैं,आज आगे वो इस बील को पास होने से नहीं रोकते हैं तो मुस्लमान भी उनके राजनीतिक अस्तित्व को खतरे में डाल देंगे.
उन्होंने न्याय पसंद लोगों से अपील किया कि वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ 26 मार्च को पटना के गर्दनीबाग में आयोजित होने वाले ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इसे सफल बनाएं।
यह केवल वक्फ संपत्तियों का मामला नहीं, बल्कि हमारी धार्मिक स्वतंत्रता, संवैधानिक अधिकारों और पहचान की रक्षा का संघर्ष है। अगर आज हमने आवाज़ नहीं उठाई, तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। आइए, एकजुट होकर इस अन्याय के खिलाफ खड़े हों और सरकार को मजबूर करें कि वह इस काले कानून को वापस ले।