पत्रकार और यूट्यूबर अजीत अंजुम के खिलाफ बिहार में एफआईआर होने के खिलाफ देशभर से लोग विरोध जता रहे हैं। अब पहली बार पटना में उनके समर्थन में विभिन्न दलों के राजनीतिक कार्यकर्ता, स्वतंत्र पत्रकार और अन्य लोगों ने मार्च निकाल कर बिहार सरकार के रवैये का विरोध किया है। शुक्रवार को पटना में निकाले गए मार्च का नेतृत्व सीपीआई एमएल के महासचिव दीपंकर, विधायक दल के नेता महबूब आलम और वरिष्ठ नेता धीरेंद्र झा ने किया। मार्च में शामिल लोग पत्रकार अजीत अंजुम के समर्थन में नारे लगा रहे थे।

याद रहे पत्रकार अजीत अंजुम के वीडियो ने बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण की पोल खोल कर रख दी। उन्होंने हाल में फुलवारीशरीफ प्रखंड कार्यालय में एक साथ 30-40 बीएलओ द्वारा मतदाताओं के हस्ताक्षऱ करने का वीडियो बनाया और उसे यूट्यूब पर पोस्ट किया। इसके बाद तहलका मच गया। पटना के जिलाधिकारी ने अंजुम के वीडियो को गलत बताया। इससे पहले वे उत्तर बिहार के कई जिलों में मतदाता पुनरीक्षण की गड़बड़ियों का पर्दाफाश कर चुके हैं। उसी के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

पटना में हुए नागरिक मार्च में केडी यादव,विधान पार्षद शशि यादव, विधायक गोपाल रविदास, कुमार परवेज, अभ्युदय सहित अन्य नेता शामिल थे। इस अवसर पर हुई सभा का संचालन कमलेश शर्मा ने किया।

पत्रकार अजीत अंजुम को जिस प्रकार पुलिस ने डराने की कोशिश की है, उसका देशभर में लगातार विरोध हो रहा है। वहीं अजीत अंजुम ने कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं। अपना काम करते रहेंगे। सोशल मीडिया में कई लोगों ने कहा कि देश के बड़े-बड़े अखबारों के हर प्रखंड में रिपोर्टर हैं, टीवी चैनलों के पास संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन वे सच्चाई नहीं दिखा रहे और जो कुछ गिने-चुने पत्रकार सच्चाई दिखा रहे हैं, उनकी आवाज बंद करने की कोशिश की जा रही है, जो तानाशाही है।

 

By Editor