उत्तर प्रदेश में नया हंगामा खड़ा हो गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेपी की प्रतिमा के निकट जाने नहीं दिया गया। उनके घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी। मजबूरन अखिलेश यादव ने घर के सामने ही जेपी को श्रद्धांजलि दी। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा का स्वतंत्रता आंदोलन से कोई वास्ता नहीं रहा है, इसलिए उससे लोकतंत्र की कोई अपेक्षा नहीं है। उन्होंने कहा नीतीश कुमार से कहा कि वे खुद को जेपी का शिष्य बताते हैं। अगर हिम्मत है तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समर्थन वापस लें। सोशल मीडिया पर लगातार अखिलेश यादव ट्रेंड कर रहा है।

सपा प्रमुख ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कहा भाजपा ने श्रद्धांजलि के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने पीडीए के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने सद्भाव के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने अमन-चैन के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने किसानों के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने आरक्षण के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने मीडिया के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने नौकरी के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने पेंशन के रास्ते रोके हैं, भाजपा ने कारोबार के रास्ते रोके हैं..।

सपा प्रमुख ने कहा कि जेपी इसी तानाशाही के खिलाफ लड़े। कहा कि जेपी सेंटर समाजवादी सरकार ने बनाया है। लखनऊ की सबसे ऊंचा बिल्डिंग है। इसमें बड़ा सम्मेलन कक्ष है। कैफे है। स्वीमिंग पूल है। भाजपा सरकार इस सुंदर भवन को बेच देना चाहती है।

सपा प्रमुख को पिछले साल भी जेपी प्रतिमा के निकट जाने से रोका गया था। सरकार ने दीवार बना दी थी, तब अखिलेश यादव दीवार फांद कर जेपी प्रतिमा के नितट पहुंचे थे और श्रद्धांजलि दी थी। इस बार उन्हें घर से निकलने ही नहीं दिया गया। बिहार में राजद सहित कई अन्य दलों ने अखिलेश यादव को जेपी प्रतिमा के निकट जाने से रोकने का विरओध किया है।

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By Editor


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