सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा में संभल में हुई हिंसा को साजिश बताया और कहा कि संभल में भाइचारे को गोली मारी गई। जैसे उन्होंने साजिश की बात कही, भाजपा समर्थक हंगामा करने लगे। सपा प्रमुख ने कहा कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना फैसला दे दिया। दो घंटे में पुलिस पहुंच गई। ढाई घंटे में सर्वे भी हो गया। फिर शुक्रवार को लोग नमाज के लिए जमा हुए, लेकिन उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद भी लोग शांत रहे। दुबारा सर्वे के लिए पुलिस पहुंच गई। लोगों ने दुबारा सर्वे के बारे में सवाल किया, तो सर्किल ऑफिसर ने गालीगलौज की। पुलिस ने गोली चलाई। इसका वीडियो भी है। संभल का माहौल का बिगाड़ने के लिए याचिका दायर करने वाले के साथ ही स्थानीय पुलिस प्रशासन भी जिम्मेदार है। इन पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए।
जब संभल मामले पर बोल रहे थे, तो बिहार के गिरिराज सिंह ने खड़े होकर विरोध किया, इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि यात्रा क्यों रोक दी, उधर यात्रा निकालो। इतना बोलते ही गिरिराज सिंह अपने स्थान पर बैठ गए।
संसद में विपक्षी दल कई दिनों से संभल का मामला उठाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बिना किसी हंगामे के दोनों सदन स्थगति किए जा रहे थे। अब मंगलवार को चर्चा शुरू हुई, तो सपा प्रमुख ने संभल का मामला उठाया। कहा कि संभल भाइचारे का शहर है। वहां सैकड़ों वर्षों से लोग भाइचारे के साथ रह रहे हैं। उस भाइचारे को गोली मारी गई है।
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सपा प्रमुख ने कहा कि जो लोग जगह-जगह खुदाई की मांग कर रहे हैं, वे देश को बांटना चाहते हैं। देश में धार्मिक स्थलों के बारे में 1991 में कानून बना, लेकिन उसका मजाक उड़ाया जा रहा है। इस तरह देश तबाह हो जाएगा। गंगा-जमनी तहजीब को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है।