भारत की साझी विरासत के प्रतीक बन चुके महान तबलावादक उस्ताद जाकिर हुसैन नहीं रहे। आज अमेरिका में उनका निधन हो गया। उन्हें श्रदांजलि देने वालों का तांता लगा है। न सिर्फ गीत और संगीत क्षेत्र के बल्कि राजनीति की प्रमुख हस्तियों ने भी संवेदना जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सबने अपनी संवेदना जताई है।
राहुल गांधी ने कहा कि महान तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी के निधन का समाचार बेहद दुखद है। उनका जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी अपनी कला की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जो हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेगी। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद तथा विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शोक संवेदना जताते हुए कहा कि संगीत जगत के साथ ही भारत की साझी विरासत की सोच रखने वालों के लिए यह बड़ी क्षति है। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि उस्ताद जाकिर हुसैन की एक लाइन कभी नहीं भूल सकते। वाह ताज, वाह।
सोशल मीडिया में उनके परिवारजनों तथा प्रशंसकों के साथ खड़े होने वालों का तांता लगा है। हालांकि नफरती सोच रखने वाले संवेदना जताते नहीं दिख रहे हैं। सोशल मीडिया में उनका एक वीडियो वायरल है, जिसमें वे कैलास पर्वत पर शिव के जमरू की आवाज को अपने तबले से निकाल रहे हैं।
सच है, संगीत, गीत या किसी भी कला को धर्मों की सीमा में नहीं बांधा जा सकता और न ही किसी देश की सीमा में। वे इन सीमाओं से ऊपर पूरी मानवता के लिए होती है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शोक संवोदना में कहा कि जाकिर हुसैन ने विश्व के मंच पर तबले को स्थापित किया और वे सांस्कृतिक एकता के सूत्र थे।