युथ ऑयकन:बीमार मां से प्रेरणा ले कर कैंसर फ्री इंडिया अभियान में कूद पड़े हैं अमित कुमार
जब अधिकतर लोग सफलता का अर्थ निजी उपलब्धियों तक सीमित कर लेते हैं,तब Amit Kumar जैसे युवा अपनी नेतृत्व क्षमता के बूते भारत को कैंसरमुक्त करने में जुटें हैं.
कभी-कभी ऐसा होता है कि एक घटना जीवन की दिशा बदल देती है. तब इंसान उस घटना से प्रेरणा ले कर एक ऐसी मंजिल की तरफ निकल पड़ता है जिसका सफर असंभव सा लगता है.लेकिन अपनी मंजिल तक पहुंचने की दीवानगी, मंजिल को पा लेने का जुनून और सुबह से रात तक मंजिल की तरफ बढ़ते जाने की धुन जिस इंसान में हो, वह हर असंभव को संभव बना कर दम लेता है.
कुछ ऐसी धुन, ऐसी ही दीवानगी और ऐसा ही जुनून अमित कुमार में है. अमित कुमार समृद्ध भारत ट्रस्ट के चेयरमैन हैं. यह ट्रस्ट देश के कैंसर पीडितों के लिए काम करता है. आज समृद्ध भारत ट्रस्ट देश के सात राज्यों में सक्रिय है और कैंसर अवेयरनेस प्रोग्राम चला कर हजारों मरीजों को इस जानलेवा बीमारी से मुक्ति के अभियान में जुटा है.
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि परोपकार की यह भावना Amit Kumar के दिल में कहां से आयी? वे कौन से कारण थे जिससे प्रेरित हो कर अमित ने अपने जीवन का ऐसा लक्ष्य तय कर लिया जिसके बारे में ज्यादातर लोग सोचने तक का समय नहीं निकाल पाते. ऐसे समय में जब देश का ज्यादातर युवा अपने करियर में सफलता का अर्थ अपनी निजी उपलब्धियों तक सीमित कर लेता है, तब अमित जैसे चंद लोग अपनी नेतृत्व क्षमता के बूते समाज को कैंसरमुक्त करने में जुट जाते हैं.
एक घटना से अमित कुमार को मिली प्रेरणा
अमित कुमार बिहार के मोकामा के रहने वाले हैं. (अमित के बारे में और जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें) उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की. सम्पन्न परिवार से संबंध रखने वाले अमित छात्र जीवन से ही समाज सेवा में सक्रिय रहे हैं. अमित 2011 की एक पारिवारिक घटना को याद करते हुए बताते हैं कि उनकी बहन ऋचा कुमारी कैंसर की शिकार हो गयीं. ऋचा की बीमारी का पता तब चला जब वह कैंसर के तीसरे स्टेज में पहुंच चुकी थीं. एक सम्पन्न परिवार और संसाधनों से परिपूर्ण परिवार के लिए यह एक बेबसी की स्थिति थी. अमित और उनके परिवार की लाख कोशिशों के बावजूद ऋचा को बचाया नहीं जा सका. इस घटना के बाद अमित का परिवार पूरी तरह से हिल गया. लेकिन बहन के इलाज के क्रम में अमित को इतना तो जरूर पता चल गया था कि कैंसर की पहचान अगर प्राइमरी स्टेज में हो जाये तो मरीज की जिंदगी निश्चित ही बचाई जा सकती है. अभी बहन की मृत्यु के ज्यादा दिन हुए भी नहीं थे कि अमित की मां को कैंसर की किशायत हो गयी. अपने पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए अमित अपनी मां नीलम कुमारी को दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर संस्थान में भर्ती कराने ले गये. डॉक्टरों के प्रयास और अमित की सजगता के कारण मां कैंसरमुक्त हो गयीं. मां के ठीक हो जाने के बाद अमित को स्वाभाविक तौर पर काफी खुशी हुई. वह खुशनसीब निकले क्योंकि मां की ममता की छावं से वह महरूम होने से बच गये.
फिर निकल पड़े कैंसर फ्री इंडिया के अभियान में
लेकिन इस घटना के बाद अमित के जीवन में एक व्यापक बदलाव आया. उनके सामने दो उदाहरण थे. पहला, कैंसर के बारे में अवेयरनेस की कमी के कारण बहन को, खो देने का दुख तो दूसरा उसी कैंसर से मां को बचा लेने का संतोष. मां को निरोग जीवन मिल जाने के बाद अमित को यह प्रेरणा मिली कि कैंसर के प्रति अवेयरनेस बढ़ाई जाये तो लाखों माओं, बहनों और बेटों की जान बचाई जा सकती है. बस तब क्या था, अमित ने कैंसर अवेयरनेस को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया. और फिर अकेले ही निकल पड़े कैंसर कैंसर फ्री इंडिया के अभियान में.
सात राज्यों में फैला समृद्ध भारत का नेटवर्क
यह राह आसान नहीं थी. उन्हें एक विशेज्ञ टीम की जरूरत थी. संसाधन चाहिए थे. और सबसे महत्वपूर्ण था कैंसर के प्रति जनजागरण फैलाने के लिए मानव संसाधन की बड़ी जमात. कैंसर फ्री इंडिया का सपना लिये अमित आगे निकलते गये और फिर 2014 में समृद्ध भारत ट्रस्ट की स्थापना कर डाली. अपनी धुन और अपने जुनून के बल पर आज अमित कुमार ने बिहार, झारखंड, पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और कर्नाटक तक अपने ट्रस्ट का नेटवर्क फैला चुके हैं. इस प्रकार उन्होंने अब तक हजारों लोगों को इस अभियान का हिस्सा बना डाला है. इसी क्रम में उनके ट्रस्ट ने अब तक एक हजार से ज्यादा कैंसर पीड़ितों की जान बचाने में सफलता हासिल की है.
कैंसर पीड़ितों के लिए दिन रात एक करने वाले अमित इस बारे में बताते हैं कि “अब भी देश में प्रति दिन 1300 लोग कैंसर के कारण मौत के शिकार होते हैं. इनमें से ज्यादतर मौतें कैंसर के प्रति जागरूकता की कमी के कारण होती है”.
अमित कहते हैं, “समृद्ध भारत ट्रस्ट का लक्ष्य है कि देश के हर राज्य में उनका ट्रस्ट पूरी सक्रियता के साथ बढ़े. हमारी कोशिश है कि हर गांव और हर शहर में समृद्ध भारत ट्रस्ट कैंसर अवेयरनेस के लिए नेटवर्क बनाये ताकि हमें भारत को कैंसरमुक्त कर सकें”.
रांची में कैंसर फ्री इंडिया रन 2020 का आयोजन
भविष्य की योजनाओं को बताते हुए अमित कहते हैं कि उनका ट्रस्ट अगले वर्ष विश्व कैंसर दिवसर यानी 4 फरवरी को झारखंड की राजधानी रांची में कैंसर फ्री इंडिया रन 2020 का आयोजन करेगा. इस अवसर पर 20 हजार लोग कैंसर अवेयरनेस के लिए दौड़ लगायेंगे.
अमित कुमार और उनकी पूरी टीम कैंसर फ्री इंडिया रन 2020 की तैयारियों में जुटी है. इस आयोजन का उद्देश्य जहां एक तरफ कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना है, वहीं समृद्ध भारत ट्रस्ट के लिए वॉलेंटियर्स की खोज भी करना है. अमित बताते हैं कि इन वॉलेनटियर्स को प्रशिक्षित करके उन्हें कैंसर जागरूकता अभियान से जोड़ा जायेगा.
अमित को पूरा विश्वास है कि उनके इस अभियान से आने वाले दिनों में हजारों लोग जुड़ेंगे जो भारत को कैंसर फ्री देश बनाने के उनके सपने को साकार करेंगे.
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