दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पटना के सबसे घनी आबादी वाले इलाके में रोड शो किया। इस बाजार में आमतौर पर शाम को पैदल चलना भी मुश्किल होता है। वैसे में भाजपा का रोड शो की भीड़ अप्रत्याशित नहीं थी। बड़े नेताओं के लिए भीड़ प्रायोजित भी होती है, यह अस्वाभाविक नहीं है। बिहारी बनिया बाजार में गुजराती बनिया का रोड शो काफी आकर्षक बन पड़ा था।

नमो की बारात में ‘सहबाला’ ने बांधी शमां
————- वीरेंद्र यादव —————–


पटना के कदमकुआं स्थिति बु‍द्धमूर्ति के पास शनिवार की शाम 6.20 बजे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह रोड शो के लिए बने वाहन पर सवार हुए और रात 7.55 बजे वाहन से नीचे उतरे। रोड शो को पहले गांधी मैदान स्थित उद्योग भवन के पास समाप्त होना था, लेकिन बीच रास्ते में इसे कारगिल चौक तक बढ़ा दिया गया था। हमें लगा कि अमित शाह कारगिल चौक के पास वाहन से उतर कर कारगिल शहीदों के लिए बनी ‘स्मृति स्थल’ पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे, श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, लेकिन वे सीधे अपनी गाड़ी में सवार हुए और वहां से प्रस्थान कर गये। ‘वोटांजलि’ के बाजार में श्रद्धांजलि गुम हो गयी।
लोकसभा चुनाव के भाजपाई बारात में नरेंद्र मोदी ‘दूल्हा’ हैं और अमित शाह ‘सहबाला’। बिहारी बारात में दूल्हा के साथ छाये की तरह हरने वाले को सहबाला कहते हैं। उसका अघोषित काम दूल्हा की माकेर्टिंग करना है और उसके लिए माहौल बनाये रखना है। वह सहायक की भूमिका का भी निर्वाह करता है। अमित शाह का रोड शो किसी बारात से कम नहीं था। गाजा-बाजा, नचनिया-बजनिया से लेकर झंकार पार्टी तक थी। पूरे रास्ते को गुब्बारों से सजाया गया था और जगह-जगह पुष्प वर्षा का भी इंतजाम था। हर घर में फुल पहुंचाये गये थे, ताकि अमित शाह के काफिले पर पुष्पवर्षा की जा सके।
अमित शाह शाम 6.20 बजे रोड शो के वाहन पर सवार हुए। उनके साथ ‘पाकिस्तान ब्रांड’ नेता गिरिराज सिंह भी सवार थे। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव, भूपेंद्र यादव, सीपी ठाकुर, रविशंकर प्रसाद समेत पटना शहर के चारों विधायक मौजूद थे। रोड शो में भू‍मिहारों के ‘सम्मान’ का खास ख्याल रखा जा रहा था। एक अन्य वाहन में महाचंद्र प्रसाद सिंह समेत कई भूमिहार नेता मौजूद थे। इस शो में भाजपा का कोई दलित चेहरा नहीं दिखा।
पत्रकारों के लिए दो वाहनों की व्यवस्था भाजपा की ओर से अलग से की गयी थी। प्रशासन भाजपा के वाहन का इस्तेमाल करने वाले पत्रकारों पर आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कर सकता था। अमित शाह ने शो शुरू होने के पहले मीडियाकर्मियों से बातचीत की और जीत का दावा भी किया। बीच-बीच में भी मीडियाकर्मियों से बातचीत कर ले रहे थे। रास्ते में जातीय और सामाजिक संगठनों की ओर से स्वागत के बैनर भी लगाये गये थे।


95 मिनट के अमित शाह के रोड शो में हम भी धक्का खाते रहे। रोड शो से पहले अमित शाह के वाहन से सटकर हम खड़े थे। इस बीच अमित शाह के आने के बाद अचानक भीड़ का दबाव बढ़ा और हम पीछे धकेल दिये गये। इस दौरान वाहन में लगे उपकरण से माथे के पिछले में हिस्से से चोट लगी, हल्की चोट थी। धक्का लगने की आशंका थी, इसलिए हम पहले से सतर्क थे। रास्ते में भी सुरक्षा बल के धक्के का शिकार होना पड़ा।
रोड शो को लेकर शाम 4 बजे से ही भीड़ जुटने लगी थी। रात 8 बजे तक पार्टी कार्यकर्ता, भीड़ और दुकानदारों में जोश दिखा। रोड शो समाप्त होने बाद भीड़ अलग-अलग रास्तों से छंटने लगी और कार्यकर्ता लाठी, फराठी और छड़ी में लगे झंडे को लपेटकर वापस लौटने लगे।

By Editor


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