CAA रैली: वैशाली में शाह ने कांग्रेस से पूछा कि क्या गांधी, पटेल आजाद साम्प्रदायिक थे

अमित शाह ने वैशाली में सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस से पूछा है कि हिंदू और सिखों को भारत में वापस लाने की बात कहने वाले महात्मा गांधी, पटेल और मौलाना आजाद साम्प्रदायिक थे?

गृहमंत्री अमित शाह बिहार के वैशाली में CAA के समर्थन में जागरूकत अभियान के तहत जनसभा को संबोधित कर रहे थे. हालांकि इस सभा में उम्मीदों के अनुरूप भीड़ नहीं पहुंच सकी.
आमित शाह ने कहा कि आ जादी के बाद जितने हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन पाकिस्तान और बांग्लादेश में रह गए थे, वह अब 3% भी नहीं बचे हैं। राहुल बाबा और लालू यादव बताएं कि वह कम कैसे हुए? शाह ने कहा- सीएए के विरोध में कांग्रेस-ममता एंड कंपनी ने देश में दंगे कराए। मैं बिहार के मुस्लिमों को बताने आया हूं कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी।
हालांकि  अमित शाह के इस आंकड़े का क्या आधार है भाजपा ने कभी इसका स्रोत नहीं बताया.
अमित शाह ने इस अवसर पर नफरत की राजनीति करने की कोई कसर नहीं छोड़ी और कहा कि  ‘कांग्रेस पार्टी ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन कराकर गलत किया। पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं के धर्मपरिवर्तन कराए गए, उनकी हत्याएं हुईं। इसलिए वह यहां आने को मजबूर हुए। पाकिस्तान में पिता के सामने बेटी से पति के सामने पत्नी से बलात्कार हुआ। मंदिर-गुरुद्वारे तोड़े गए। इसलिए वहां से प्रताड़ित होकर लोग यहां आए।’
‘महात्मा गांधी ने 26 सितंबर 1947 को कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाला हर हिंदू और सिख भारत आ सकता है। उसे नौकरी और आश्रय देना आजाद भारत की जिम्मेदारी है। गांधी जी की इस बात को नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, कृपलानी जी और मौलाना आजाद ने भी दोहराया। कांग्रेस वाले हमारी नहीं मान रहे, अपने नेताओं की तो मान लें।’
अमित शाह ने कहा कि  ‘वैशाली की भूमि पिछड़ों और सताए हुए लोगों को न्याय देने वाली भूमि है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने सीएए के जरिए पिछड़े-सताए हुए लोगों को न्याय दे रही है। राहुल गांधी, लालू यादव, ममता बनर्जी जैसे लोग बात तो पीड़ितों की करते हैं, लेकिन अपने वोटबैंक की बात आती है तो वोटबैंक के अलावा किसी को नहीं देखते।’
 
‘मैं बिहार की जनता को कहने आया हूं कि क्या है सीएए। जो सताए गए लोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हैं। उन्हें नागरिकता देने की व्यवस्था है। राहुल, लालू एंड कंपनी को इसमें वोट बैंक दिखाई देती है। राजनीतिक उल्लू सीधा करने के लिए वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं। सीएए नागरिकता देने का कानून है, लेने का नहीं।’
 
‘नरेंद्र मोदी की सरकार ने 5 अगस्त को 370 और 35ए को उखाड़कर फेंक दिया। आज कश्मीर में तिरंगा शान से आसमान छू रहा है। पाकिस्तान से आतंकी आते थे और हमारे जवानों का सिर काटकर ले जाते थे। उनको मारना चाहिए या नहीं?’
 

By Editor