अमित शाह के संविधान विरोधी CAA की रैली को गणतंत्र की भूमि वैशाली ने विफल कर दिया – एजाज़ अहमद
जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने गृहमंत्री अमित शाह पर यह आरोप लगाया कि CAA (सीएए )के संबंध में जब यह कह रहे हैं की यह कानून नागरिकता देने वाला है, नागरिकता लेने वाला नहीं है, तो उन्होंने ने आखिर किस मंशा से संसद के दोनों सदनों में NRC (एनआरसी) लाने की बात की थी और जब देश में जन आंदोलन खड़ा हुआ और भाजपा को इस बात का एहसास हो गया की उनकी उन्माद की राजनीति सफल नहीं हो सकती है, तो अब वह लोगों के बीच सफाई देते चल रहे हैं और इसी के अंतर्गत उन्होंने वैशाली जो गणतंत्र की जन्मभूमि रही है वहां आकर विपक्ष पर ही गुमराह करने का आरोप लगाया जबकि सच्चाई तो यह है कि विपक्ष से पहले देश की जनता असम के हालात को देखकर जन आंदोलन खड़ा कर चुकी थी और इसमें दलित, पिछड़ा ,आदिवासी के अलावा सभी तबके के लोग शामिल हैं, क्योंकि उन्हें यह पता है कि भाजपा मुसलमान को बहाना बनाकर दरअसल देश में आर एस एस के विचारों के अनुरूप संविधान को बदलना चाहती है और गांधी तथा अंबेडकर के विचारों से इतर गोडसे और सावरकर के विचारों को देश के लोगों पर थोपना चाहती है।
उसी तरह से जिस तरह से नोटबंदी और जीएसटी के माध्यम से देश को आर्थिक रूप से कमजोर करने का काम किया। और कुछेक करोड़ पतियों के हाथों देश को गिरवी रखने का काम किया आज देश की जनता बेरोजगारी और आर्थिक मंदी के कारण सड़कों पर है और अदानी और अंबानी जैसे लोग मालामाल हो रहे हैं यह है भाजपा की विचारधारा और इसी विचारधारा को देश पर थोपने के लिए CAA के समर्थन में भाजपा अभियान चला रही है ।लेकिन उसका यह अभियान भी पूरी तरह से वैशाली में विफल हो गया है ,क्योंकि देश की जनता अब उसके ऐसे दकियानूसी विचारों से प्रभावित नहीं हो रही है।
एजाज ने आगे कहा कि देश के दो नेताओं की जिद के कारण ही आजादी के बाद पहली बार आज देश संकट की स्थिति में है जिस संबंध में में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी कड़ी टिप्पणी की है ,उसके बाद फिर आपने CAA (सीएए) का गजट निकाल कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय को कहीं ना कहीं उनके अधिकार क्षेत्र को चैलेंज किया है।
एजाज ने आगे कहा कि NPR की धारा 14a को समाप्त करने की घोषणा केंद्र सरकार को करनी चाहिए क्योंकि इसी के तहत एनपीआर से लिए गए दस्तावेज एनआरसी में शामिल किए जा सकते हैं जो देश के लोगों की नागरिकता पर संकट उत्पन्न कर सकता है ।