अपने ही दांव में खुद फंस गए PM मोदी, ट्रेंड कर गया #CryPM
पीएम मोदी विरोधी के हमले को अपना हथियार बना लेने में निपुण माने जाते रहे हैं, लेकिन कर्नाटक में वे अपने ही दांव में बुरी तरह फंस गए। ट्रेंड किया #CryPM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरोधियों के हमले या आलोचना को ही अपना हथियार बना लेने में निपुण माने जाते रहे हैं, लेकिन इस बार उनके साथ उल्टा हो रहा है। उन्होंने एक बड़ा दांव चला और सोचा कि उनके पक्ष में सहानुभूति की लहर उठ जाएगी, पर प्रियंका गांधी ने उन्हें उनके ही दांव में जबरदस्त फंसा दिया। इसके बाद सोमवार को राहुल गांधी ने एक भिन्न कोण से प्रधानमंत्री को घेरा।
एक दिन पहले कर्नाटक चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा दांव खेलते हुए कहा कि उन्हें कांग्रेस वालों ने 91 बार गालियां दी हैं। इसकी सूची उनके पास है। प्रधानमंत्री ने शायद यह सोचा था कि इस दांव से कांग्रेस डिफेंसिव हो जाएगी और उनके पक्ष में सहानुभूति की लहर दौड़ पड़ेगी, लेकिन प्रियंका गांधी ने उलट दिया। प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास एक लिस्ट है। लिस्ट कर्नाटक की जनता की समस्याओं की नहीं है, लिस्ट है कि उन्हें कितनी बार गाली दी गई। प्रियंका ने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री जी मेरे भाई से सीखिए, जो कहते हैं कि देश के लिए वे गाली क्या, गोली भी खाने को तैयार हैं। प्रियंका गांधी का यह भाषण वायरल हो गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर #CryPM ट्रेंड करने लगा।
मैंने पहला ऐसा PM देखा है जो जनता के सामने कहता है कि- मुझे गाली दी जा रही है।
— Akshit Singh (@iAkshitSingh) April 30, 2023
PM के पास जनता की समस्याओं की लिस्ट नहीं है, बल्कि गालियों की लिस्ट है।
मोदी जी, मेरे भाई से सीखिए… जो कहता है- गाली क्या, मैं देश के लिए गोली खा लूंगा।
: कर्नाटक के जमखंडी में @priyankagandhi जी pic.twitter.com/zBzG0LKb4J
अलका लांबा सहित कई लोगों ने रोंदू प्रधानमंत्री कह कर घेरा। कांग्रेस ने एक पोस्टर जारी किया. जिसमें पे सीएम और क्राई पीएम लिखा। क्राई पीएम में पीएम को रोते हुए दिखाया गया है।
इधर, सोमवार को राहुल गांधी ने कर्नाटक की चुनावी सभा में एक भिन्न ढंग से हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गालियों की लिस्ट बना रहे हैं, पर उन्हें यह बताना चाहिए कि उन्होंने कर्नाटक के लिए क्या किया, सरकारी कार्य में 40 प्रतिशत कमीशन रोकने के लिए क्या किया, जब बाढ़ आई तो कर्नाटक के किसानों के लिए क्या किया जैसे सवालों की झड़ी लगा दी। लोग राहुल और प्रियंका में फर्क भी नोट कर रहे हैं। कह रहे हैं कि राहुल गांधी नफरत के खिलाफ मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं, जो गांधीवादी तरीका है, जबकि प्रियंका जैसे को तैसा वाली रणनीति पर हमला कर रही हैं।
अब तख़्त हिलेगा, ताज हिलेगा फर्जी राष्ट्रवादियों का राज हिलेगा