अररिया उपचुनाव में राजद उम्मीदवार सरफराज आलम की जीत के बाद ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ व ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ का जो विडियो वॉयरल किया गया था वह फर्जी व छेड़-छाड़ वाला साबित हो गया.
नौकरशाही मीडिया
यह पहला मौका नहीं है जब बिहार में इस तरह की घिनावनी साजिश रच के साम्प्रदायिक उन्माद में समाज को झोकने की कोशिश की गयी. अररिया वाले विडियो से कोई डेढ़ साल पहले पटना में भी पाकिस्तान जिंदाबाद वाला फर्जी विडियो वॉयरल किया गया था. दोनों मामलों में पुलिस ने खुद ही केस बनाया. पटना की घटना के बाद विडियो की फोरेंसिक जांच पुलिस ने कराई तो पता चला था कि विडियो में भारत विरोधी नारे जैसी बात नहीं थी.
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अब ताजा मामाल 14 मार्च का है. इस दिन राजद नेता सरफराज आलम ने भाजपा के प्रदीप सिंह को अररिया लोकसभा उपचुनाव में हराया था. इसी दिन रजद समर्थक जीत का जश्न मना रहे थे. इसका एक विडियो सोशल मीडिया पर डाला गया. जिसके बैकग्राउंड से भारत तेरे टुकरे होंगे जैसे नारे की आवाज आ रही है. इस विडियो को आईटी के लोगों ने खूब शेयर करना शुरू किया बाद में इसे कुछ वेबसाइट ने अपलोड किया. फिर इसके बाद पटना के कुछ पत्रकारों ने इस विडियो को आधार बना कर भड़काऊ पोस्ट डाले. रात को ही अररिया में हारे उम्मीदवार प्रदीप सिंह के नेतृत्व में इस विडियो के खिलाफ जुलूस निकाला गया. दबाव में आयी पुलिस ने एफाआईआर किया.
लेकिन इस विडियो की प्रमाणिकता को जांचे बिना आज तक जैसे न्यूज चैनलों ने टेलिकास्ट करना शुरू कर दिया. इस बीच अररिया के नवनिर्वाचित सांसद सरफराज आलम ने नौकरशाही डॉट कॉम से बातचीत में दाव करके खलबली मचा दी कि यह सब झूठ और षड्यंत्र है. इस खबर के प्रकाशन के कई घंटों के बाद अल्ट न्यूज ने इस विडियो की हकीकत का तकनीकी परीक्षण भी किया. अल्ट ने इस पर विस्तार से बताया कि विडियो में बोलने वालों के होटों की हरकत और नारों की आवाज में कोई सामंजस्य नहीं है. इसने लिखा है कि जब विडियो शुरू होता है तो वहां ऑडियो यानी आवाज शून्य है. इसी तरह बीच में जा कर फिर से आडियो शून्य हो जाता है. विडियो के विशेषज्ञों का दावा है कि विडियो में आवाज शून्य नहीं हो सकती. क्योंकि जैसे ही आप विडियोग्राफी शुरू करते हैं तो साथ साथ आवाज ( सांसो की खड़खड़ाहट, या हवा) भी विडियो में कैद हनो लगती है.
इस घटना के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. राजद ने अपने ट्विटर हैंडल @RJDforIndia पर लिखा कि बिहार में आग लगाने की संघी भाजपाई साजिश बेनक़ाब! ये भाजपाई देशवासियों को आपस में मरवा कर सत्ता पाना चाहते हैं!
इस फर्जी विडियो के द्वारा समाज का एक खास वर्ग साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने की साजिश में लगा. ऐसे में जिम्मादार नागरिकों, प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक संस्थाओं को आगे आने की जरूरत है. प्रशासन को अपने स्तर पर भी फोरेंसिक जांच करवाना चाहिए और सटीक नतीजे पर पहुंचना चाहिए. इसके बाद इस खेल में शामिल लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए.