अररिया देश विरोधी नारा लगाने के भाजपा नेताओं और उसके पोषित मीडिया के बेशर्म झूठ पर करारा तमाचा लगा है क्योंकि देश विरोधी नारे लगाने का षड्यंत्रकारी विडियो झूठा साबित हो गया है.
(कुछ न्यूज वेबसाइट्स से ने भी अपनी जहरीली मानसिकता समाज में भरने की कोशिश की थी)
मार्च में अररिया लोकसभा चुनाव में राजद के सरफराज आलम ने भाजपा प्रत्याशी प्रदीप सिंह को हराया था. इसके बाद सरफराज के घर के पास कुछ युवाओं ने जश्न मनाया. लेकिन कुछ देर बाद इस कथित भीड़ का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया जिसे दर्जनों चैनलों और वेबसाइट ने मिर्च मसाला लगा कर प्रसारित किया. इस विडियो को देखने से ही लग रहा था कि वह फेक है क्योंकि इसमें जश्न मनाने वाले युवाओं के होट नहीं हिल रहे हैं उसी क्षण पीछे से भारत विरोधी नारे की आवाज आ रही है.
फोरेंसिक रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि जिस विडियो में भारत विरोधी नारे लगाने की बात कही जा रही है वह फेक है और उसे डाक्टर्रड करके बनाया गया है. नौकरशाही डॉट कॉम ने उसी समय इस विडियो को संदिग्ध बताया था. उधर 5 जून को इंडिया टुडे टीवी चैनल ने इस फेक विडियो की खबर टेलिकास्ट की है.
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याद रहे कि कोई कुछ समय पहले पटना में भी भारत विरोधी नारे लगाने का झूठा विडियो वायरल किया गया था. इस विडियो की फोरेंसिक जांच के बाद भी झूठ सामने आ गया था.
लेकिन इस पूरे मामले में सबसे दुखद पहलु यह है कि भाजपा नेताओं, खास कर गिरिरिाज सिंह जैसे मंत्री पद पर बैठे नेता ने इस मामले को ले कर बेशर्मी से टिप्पणियां की थी. हारे हुए प्रत्याशी प्रदीप सिंह ने अरिरिया बंद का ऐलान किया था. जिससे समाज में कम्युनल टेंशन क्रियेट हुआ था. भाजपा की ऐसी हरकत हर बार उजागर होती रही है. इस मामले में राजद नेता शक्ति यादव ने कहा कि भाजपा का साम्प्रदायिक चरित्र उजागर हो गया है.
इस विडियो का झूठा साबित होने के बाद अररिया कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार किये गये आबिद रजा को बेल पर रिहा कर दिया है. आबिद रजा 65 दिनों तक जेल में रहे लेकिन उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला. आबिद रजा को 3 जून को जमानत मिल गयी है.
आबिद के रिहा होने पर उनकी मां ने इंडिया टुडे को बताया कि हमने बेटे को ऐसे संस्कार दिये ही नहीं जिसका आरोप उसपर लगा. आबिद12 वीं के स्टुडेंट हैं और उनका सपना था कि वह नेवी में जायेंगे. लेकिन एक झूठे और मनगढ़त आरोप में फंस कर आबिद का एक साल बरबाद हो गया.