चर्चित लेखिका (Arundhati Roy) अरुंधति रॉय ने सरकार पर कोरोना संकट के दौर में जिस रणनीति पर काम कर रही है वह मुसलमानों के कत्ले आम की रणनीति जैसी है.
Arundhati Roy ने कहा कि सरकार कोरोना संकट का जैसा रणनीतिक इस्तेमाल रही है वह याद दिलाता है कि कैसे नाजियों ने होलोकास्ट की रणनीति बनाई थी.
गौरतलब है कि जर्मनी में हिटलर के दौर में होलोकास्ट के दौरान लाखों यहूदियों का कत्ले आम किया गया था. हिटलर ने जर्मन लोगों के दिलों में यहूदियों के प्रति जबर्दस्त घृणा के भाव का संचार किया था.
Arundhati Roy ने जर्मन न्यूज नेटवर्क डॉचे वेले (DW) से कहा कि ‘कोरोना संकट से निपटने में सरकार की इस कथित रणनीति (दो समुदायों के बीच खाई बढ़ाने की) से ऐसी स्थिति पैदा होगी जिस पर दुनिया को नजर रखनी चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हालात जीनोसाइड (जातीय या सामुदायिक संहार) की तरफ बढ़ रहे हैं।’
Arundhati Roy ने कहा, ‘आरएसएस का पूरा संगठन जिससे मोदी आते हैं और जिससे बीजेपी का जन्म हुआ है, ने बहुत पहले ही कहा था कि भारत को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए। इसकी विचारधारा भारत के मुस्लिमों को जर्मनी के यहूदियों की तरह देखती है। अगर आप देखेंगे कि वो कोविड का कैसा इस्तेमाल कर रहे हैं तो पता चलेगा कि यह रणनीति कुछ ऐसी ही है जो यहूदियों की छवि बनाने में इस्तेमाल हुई थी।’
अरुणधति रॉय ने इस पूरे मामले की तुलना हॉलोकोस्ट से की और यहां तक कहा कि “सरकार कोरोना संकट का जैसा रणनीतिक इस्तेमाल रही है वह याद दिलाता है कि कैसे नाजियों ने होलोकास्ट की रणनीति बनाई थी”।
उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 में जो हुआ, उससे भारत के बारे में वो चीजें बाहर निकलकर आ गई हैं जिनके बारे में हम सबको पता है।’ राय ने कहा, ‘हम सिर्फ कोविड से ही पीड़ित नहीं हैं, बल्कि घृणा और भूख के संकट से भी ग्रस्त हैं।’
अरुंधति ने आगे कहा, ‘यह संकट मुसलमानों के प्रति घृणा का है जो दिल्ली में हुए नरसंहार के तुरंत बाद सामने आया है. राय ने कहा, ‘कोविड-19 की आड़ में सरकार युवा विद्यार्थियों को गिरफ्तार कर रही है। वकीलों, वरिष्ठ संपादकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के खिलाफ केस दर्ज कर रही है। कुछ को हाल ही में जेल में डाल दिया गया।’