जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने लोकसभा में तलाक बिल की मंजूरी का असल अपराधी दो सांसदों को ठहराया है. रहमान ने कहा है कि ये दोनों सांसद उलेमा हैं लेकिन इस बिल पर बहस के दौरान वे गूंगे बने रहे.
अशफाक रहमान ने कहा कि लोकसभा में 23 मुस्लिम सांसद हैं इनमें दो उलेमा हैं. मौलाना असरारुल हक कासमी और मौलाना बद्रुद्दीन अजम इस्लाम के विद्वान माने जाते हैं. अशफाक रहमान ने कहा कि लोकसभा में तलाक बिल पर बहस के दौरान एक मौलान सांसद सदन से गायब रहे जबकि दूसरे मौलाना असरारुल हक कासमी ने चुप्पी रखी. मौलानी कासमी कांग्रेस के सांसद हैं.
अशफाक रहमान ने कहा कि सो काल्ड सेक्युलर पार्टियों के मुस्लिम सांसद अपने नेताओं की जूतियां ठीक करने और उनके तलवे चाटने के अलावा कुछ भी नहीं कर सकते.
बेजमीर हैं ये मुस्लिम सांसद
गौरतलब है कि इस बिल के खिलाफ सिर्फ असदुद्दीन ओवैसी ने आवाज उठाई जबकि 23 मुस्लिम सदस्य हैं. अशफाक रहमान ने कहा कि अगर ये सभी 22 मुस्लिम सांसद स्वाभिमानी होते तो अपनी पार्टियों को मजबूर कर देते कि वे तलाक बिल की मुखालफत करतीं. इन मुस्लिम सांसदों को बेजमीर होने का आरोप लगाते हुए अशफाक रहमान ने कहा कि सदन के अंदर कुरान और हदीस की गलत व्याख्या करके अपमानित किया गया लेकिन ये तमाम मुस्लिम सांसद चुपचाप बैठे ताकते रहे.
अशफाक रहमान ने कहा कि ऐसे मुस्लिम सांसदों और उलेमा सांसदों की चुप्पी से इस बात का अंदेशा है कि इस देश में आजान पर पाबंदी लगा दी जाये और युनिफार्म सिविल कोड लागू कर दिया जाये और ये लीडरान चुपचाप तमाशा देखते रह जायें.
अशफाक रहमान ने इन दोनों उलेमा सांसदों पर प्रहार करते हुए कहा कि मुसलमानों को उलेमा से बहुत उम्मीदें रहती हैं. लेकिन इन सांसदों ने जिस तरह से अपनी जुबान सिल ली उससे साफ जाहिर होता है कि उलेमाओं को संसद में भेजना बेकार है. अशफाक रहमान ने कहा कि फरिश्ता सिफ्फत नेता खोजने की उम्मीद में हमने देख लिया कि ये उलेमा हमारे लिए बेकार हैं. उन्होंने कहा कि इससे तो बेहतर है कि ऐसे लोगों को अपना नुमाइंदा चुना जाये जो मुस्लिम मुद्दे पर हमारी बात सदन में रख सके.
अशफाक रहमान ने यहां तक कहा कि ऐसे मुस्लिम सांसदों पर भरोसा करना सामुहिक आत्महत्या करने जैसा है. अशफाक रहमान ने कहा कि मुसलमान सेक्युलरिज्म का झूठा नारा देने वाली पार्टियों को वोट दे कर उन पार्टियों को तो मजबूत कर देते हैं लेकिन वे मुसलमानों को हाशिये पर खड़ी करके छोड़ देती हैं. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि वे अपने दम पर अपनी सियासत करें और भीख में मिलने वाली सांसदी को लात मारें. उन्होंने कहा कि सेक्युलरिज्म का झूठा नारा देने वाली पार्टियों ने मुसलमानों को तबाह किया है. इसलिए हमें अपने बूते पर खड़ा हो कर सियासत करनी होगी.
अशफाक रहमान ने कहा कि अब समय आ चुका है कि भारत के सोये हुए मसुलमानों को जगायें.