जनता दल राष्ट्रवादी के नेशनल कंवेनर अशफाक रहमान ने कहा है कि लॉकडाउन से लाखों कामगारों की भुखमरी पर पर्दा डालने के लिए मोदी सरकार व गोदी मीडिया ने तबलीगी जमात को कटघरे में करने का षड्यंत्र रचा है.
अशफाक रहमान ने कहा कि दुनिया कोरोना के कहर से कराह रही है. यहां तक विश्व की पांचों महाशक्तियां बेबस और लाचार हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस जैसे देश इस लाचारी में इंसानियत को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इस मानवीय संकट में कहीं भी कोरोना को धर्म के चश्मे से देखना की मूर्खता नहीं हुई. लेकिन यह शर्मनाक है कि भारत में कोरोना के पहुंचते ही यह वबा हिंदू-मुस्लिम बना दिया गया है.
मोदी सरकार व गोदी मीडिया का षड्यंत्र
अशफाक रहमान ने कहा कि दर असल यह मोदी सरकार के लॉकडाउन के फेलियर से ध्यान भटकाने का षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के दूसरे दिन ही हजारों हजार की संख्या में कामगारों के लिए रोटी की भयावह समस्या खड़ी हो गई और वे भूख से मरने के खौफ से अपने गांवों की तरफ भागने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े. दुनिया भर के मीडिया में भारत की इस भयावह और शर्मनाक स्थिति को कवरेज मिला. कामगारों की सड़कों पर उमड़ती भीड ने लाकडाउन के सारे फलसफे को ध्वस्त कर दिया. लाकडाउन के इस खतरनाक स्तर पर हुई असफलता पर खुद एनडीए सरकार के सहयोगी नेता नीतीश कुमार को कहना पड़ा कि अगर लोग अपने-अपने राज्यों में घुसे तो लाकडाउन बुरी तरह असफल हो जायेगा. सरकारों के लाकडाउन के आदेश, पर गरीबों की भूख व बेबसी इतनी भारी हो गयी कि भारत की प्रतिष्ठा की दुनिया भर में धज्जी-धज्जी उड़ गयी.
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अशफाक रहमान ने कहा कि इस मोदी सरकार को इस अपमानजनक स्थिति से बचाने के लिए सरकार और मीडिया ने संयुक्त रूप से ब्लेमगेम का खेल शुरू किया. उन्होंने कहा कि मुस्लिम चुश्मा से कोरोना को देखने की कंस्पिरेसी थ्युरी गढ़ी गयी और अचानक तबलीगी जमात के आयोजन को इसके लिए जिम्मेदार बताया जाने लगा. अशफाक रहमान ने कहा कि दिल्ली के निजामुद्दीन में हजार दो हजार लोग 24 घंटे व सालों भर धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए जमा रहते हैं. ऐसे में अचानक हुए लॉकडाउन के फैसले के कारण वे वहां से नहीं निकल सके. लेकिन इसे मीडिया के एक वर्ग और मोदी सरकार की मिशिनरी ने और ही रंग दे कर अपने माथे पर लगे लाकडाउन की असफलता के दाग को ढकने की कोशिश शुरू कर दी.
वैष्णो देवी में क्या हुआ
जनता दल राष्ट्रवादी का राष्ट्रीय कंवेनर अशफाक रहमान ने कहा कि जब देश में लाकडाउन था तो मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के शपथग्रहण समारोह में सैकड़ों लोग जुटे थे.संसद सत्र चल रहा था और उसमें वैसे अनेक सांसद मौजूद थे जो कोरोना पोजिटिव लोगों के सम्पर्क में रह चुके थे. इसी दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री राम मंदिर के पूजा आयोजन कर रहे थे. इतना ही नहीं वैष्णो दोवी मंदिर के गर्भ गृह में सैकड़ों लोग मौजूद थे. इन बातों को मीडिया और मोदी सरकार कभी इश्यु नहीं बनाया. उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी खतरनाक वबा पर घृणित सियासत देश को बर्बाद करने का खेल है. अशफाक रहमान ने ऐसी सियासत करने वालों को चेताते हुए कहा कि वे वैश्विक संकट पर घृणा की सियासत बंद करें.
अशफाक रहमान ने कहा कि मोदी सरकार और उसका गोदी मीडिया असफलता को छुपाने के लिए कोरोना को ऐसे प्रचारित कर रहे हैं जैसे कोरोना का मतलब मुसलमान होता है. अशफाक रहमान ने कहा कि अमेरिकी सरकार को आशंका है कि वहां दो लाख लोग कोरोना से मर सकते हैं. इटली में लाशें रखने की जगह नहीं है, ब्रिटेन में हाहाकार मचा है तो वहां कौन सी तबलीगी जमात है जिसके कारण कोरना का संक्रमण फैल रहा है.
बिहार के मधुबनी की एक मस्जिद में घुस कर पुलिस द्वारा बेरहमी से नमाजियों पर लाठी बरसाने के मामले पर अशफाक रहमान ने कहा कि मानवीय संकट से जूझने का यह समय है ना कि धर्म के चश्मे से संकट को देखने का वक्त है. अफाक रहमान ने लोगों से अपील की कि वे मोदी सरकार व गोदी मीडिया के षड्यंत्र को समझें.