जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजन अशफाक रहमान ने कहा है कि मुसलमानों को अल्पसंख्यक राग अलापने के बजाय यहूदियों से सीखना चाहिए. मुट्ठी भर यहूदियों ने अपनी क्षमता और एकता से दुनिया को हिला कर रख दिया है.
अशफाक रहमान ने कहा कि संख्या बल हालांकि लोकतंत्र में मायने रखता है लेकिन मुसलमान तो एक साथ मिल कर अपने लिए एक लीडर भी नहीं चुन पाते. उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में यहूदियों का दबदबा उनकी संख्या के कारण नहीं बल्कि उनकी अपनी क्षमता, मेहनत, और लगन के कारण है. अशफाक रहमान ने कहा कि यहूदियों और यहूदियों के देश इसराइल से तो आज अमेरिका भी भय खाता है. अशफाक रहमान ने मुसलमानों से अपील की कि वे यहूदियों से सीखें.
अशफाफ रहमान ने अपने बयान में कहा कि दूसरे विश्व युद्ध में लाखो यहूदियों को गैस के चेम्बर में रख कर मार डाला गया. लेकिन इसके बाद दुनिया ने देखा कि कैसे यहूदियों ने अपनी लड़ाई एकता और क्षमता को जागृत कर के लड़ी. आज दुनिया की अर्थव्यवस्था, विज्ञान, तकनीक, शोध जैसे तमाम क्षेत्रों में उनका वर्चस्व है.
अशफाक रहमान ने कहा कि गुरबत का रोना रोने के बजाये जो समाज अपनी क्षमता पर विश्वास करके आगे बढ़ता है, उसका रास्ता कोई नहीं रोक सकता. अशफाक रहमान ने कहा कि मुसलमानों को अपनी लोकतांत्रिक शक्ति को पहचानना चाहिए. उन्हें किसी पार्टी को हराने के बजाये अपने लीडर को जिताने के लिए राजनीति करनी चाहिए.