मुख्यमंत्री के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने भूमिहारों के बारे में आपत्तिजनक बात कह दी, जिसके बाद हंगामा हो गया। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने घेर लिया। कहा कि भूमिहार युवक भी बेरोजगार हैं, उनके लिए रोजगार की चर्चा करने के बजाय पूरी जाति का ही तिरस्कार करना बेहद आपत्तिजनक है। जदयू के मंत्री और नीतीश कुमार रह-रह कर विभिन्न जातियों का अपमान कर रहे हैं। इससे पहले जदयू के एक सासंद देवेश चंद्र ठाकुर कह चुके हैं कि कुशवाहा, मुसलमान और यादवों ने वोट नहीं दिया, इसलिए अनका काम नहीं करेंगे। अब भूमिहारों का अपमान कर रहे। मालूम हो कि मंत्री ओशोक चौधरी ने जहानाबाद में कहा कि मुख्यमंत्री ने भूमिहारों के लिए इतना किया, लेकिन जब अतिपिछड़ा प्रत्याशी दे दिया, तो भूमिहारों साथ छोड़ कर भाग गए। इस बयान को भूमिहारों को धोखेबाज कहने के रूप में देखा जा रहा है।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू का चरित्र ही जातीय उन्माद फैलाने का हैं। उनके एक MP डंके की चोट पर कहते है कि कुशवाहा, मुसलमान और यादव का कोई काम नहीं करेंगे। इनके एक मंत्री कहते है कि भूमिहार ने वोट नहीं दिया और समाज को लेकर आपतिजनक बातें कही। लोकतंत्र में अगर कोई किसी को वोट नहीं देता तो क्या 19 वर्षों से सरकार में बैठे जदयू के नेता और उनके मुखिया उन जातियों का तिरस्कार करेंगे? सत्ता में बैठे लोग यह सकारात्मक चर्चा क्यों नहीं करते कि भूमिहार जाति के कितने लोग बेरोजगार हैं? दलित,पिछड़ा,अतिपिछड़ा,अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग में बेरोजगारी दर और साक्षरता दर क्या है? कैसे इन वर्गों की आर्थिक प्रगति और आर्थिक उत्थान होगा इस पर 19 वर्षों की NDA सरकार में बैठे लोग कोई विमर्श क्यों नहीं करते?
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इधर मंत्री के बयान से जदयू और भाजपा में तनाव हो गया है। भाजपा कोटे के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मंत्री के बयान पर विरोध जताया है। कहा कि यह भूमिहार जाति का अपमान है।
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