अशोक चिह्न हटाया, कुशवाहा नाराज, यूपी में BJP को नुकसान
दिल्ली पुलिस के लोगो से सम्राट अशोक स्तंभ हटा दिया गया है। पूर्वी यूपी के कुशवाहा नाराज। चुनाव में भाजपा को होगा नुकसान। उपेंद्र कुशवाहा भी केंद्र के खिलाफ।
पूर्वी यूपी के कुशवाहा केंद्र सरकार से नाराज हो गए हैं। दरअसल केंद्र के अधीन दिल्ली पुलिस के लोगो से सम्राट अशोक स्तंभ को हटा दिया गया है। उसकी जगह इंडिया गेट दिख रहा है। यूपी में विधानसभा चुनाव हो रहा है। कुशवाहा समाज पिछले चुनाव में भाजपा के साथ था। इस बार योगी की कार्यशैली और मोदी की महंगाई की वजह से वह पहले ही नाखुश था, अब इस नई घटना ने उसे नाराज कर दिया है।
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी केंद्र के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा-सम्राट अशोक महान के इतिहास को मिटाने की एक और साज़िश…! साजिश- दर -साजिश..!
उसने गांधी को क्यों मारा, सावरकर जैसी अनेक पुस्तकों के लेखक अशोक कुमार पांडेय ने ट्वीट किया-पूरब में ज़बरदस्त अफ़वाह है कि केंद्र सरकार की मुहरों से सम्राट अशोक का चिन्ह हटा दिया गया है। मज़ेदार यह कि इसका असर एक जाति के वोटों पर पड़ेगा। यक़ीन जानिए, यह इलाक़ा बेहद अलग है और इसके बारे में दिल्ली से कुछ पता नहीं लगेगा। अभी चुनाव फँसा है और किसी के लिए आसान नहीं।
पूर्व विधायक और ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश प्रवक्ता रमेश कुशवाहा ने कहा कि सम्राट अशोक भारत में एकता-अखंडता के प्रतीक रहे हैं। उनके चिह्न को हटाकर हर जगह भाजपा-संघ से जुड़े प्रतीकों को बढ़ाया जा रहा है। इससे कुशवाहा समाज ही नहीं, बुद्ध दर्शन को मानने वाले हर समुदाय में आक्रोश है।
मालूम हो कि बिहार -यूपी का कुशवाहा समाज खुद को सम्राट अशोक से जोड़ कर देखता है। नव बौद्धों में भी सम्राट अशोक बहुत सम्मान के साथ देखे जाते हैं। इस तरह केंद्र के फैसले से कुशवाहा ही नहीं, दलितों के एक हिस्से की नाराजगी भी यूपी चुनाव में भाजपा को झेलनी पड़ेगी।
हाय रे बिहार, नीतीश और मोदी ने सकीबुल को बधाई तक न दी