एशियन सिटी हॉस्पिटल : हर मर्ज का यहां होता है इलाज

पटना का एशियन सिटी अस्पताल बिहार ही नहीं, पूरे पूर्वोत्तर भारत में अपने विशेषज्ञ डॉक्टरों, सर्वोत्तम इलाज व सेवाभाव से विशिष्ट पहचान बना चुका है।

राजीव रंजन

पी एंड एम मॉल के पीछे पाटलिपुत्र ओद्यौगिक क्षेत्र में स्थित एशियन सिटी अस्पताल आज बिहार और पूर्वोत्तर भारत की रीढ़ बन चुका है। यहां कई मल्टी सुपरस्पेशियलिटी विभाग काम कर रहा है। यदि मर्ज एक से अधिक विभाग से संबंधित होता है तो दूसरे विभाग के अच्छे डॉक्टर यहां मौजूद हैं। ऐसे में मरीज को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ता है। उनके हर मर्ज का इलाज इस अस्पताल में हो जाता है। आज स्थिति यह है कि यहां पटना से नहीं, अपितु पूरे बिहार और पूर्वोत्तर भारत से मरीज दिखाने के लिए आते हैं और स्वस्थ होकर जाते हैं।

एशियन सिटी अस्पताल में जीएम (ऑपरेशन एंड एडमिन ऑपरेशन) राजीव रंजन बताते हैं कि एशियन सिटी हॉस्पिटल, पटना में 150 बेड है और कई मल्टी सुपर स्पेशलिटी विभाग है। जिसमें एडवांस्ड हर्ट सेंटर, एडवांस्ड सर्जरी, हड्डी एवं जोड़, मां और शिशु, न्यूरोसर्जरी, एडवांस्ड इमेजिन, गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी, ट्रामा सेंटर, रेनल डिजिज एंड यूरोलॉजी, क्रिटिकल केयर और इंटरनल मेडिसिन शामिल है। उनके अनुसार सभी विभाग में काफी अनुभवी और बड़े डॉक्टर सेवा दे रहे हैं। सभी विभाग में इलाज और जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनें हैं। एक बार मरीज को यहां आने के बाद उन्हें भटकना नहीं पड़ता है बल्कि उनके सभी रोग का इलाज यहीं हो जाता है। मरीज के साथ आत्मीयता और संवेदना रखने की वजह से आज तक अस्पताल में कोई विवाद नहीं हुआ। कभी कोई मरीज झगड़ कर या दुखी होकर यहां से वापस नहीं गया। यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

नीकू और क्रिटिकल केयर में विश्व स्तरीय सुविधा

एशियन सिटी अस्पताल में बच्चों का आईसीयू अर्थात नीकू वार्ड विश्व स्तर का बनाया गया है। 24 घंटा एनेस्थिस्ट और दूसरे डॉक्टर तथा जरूरी सुविधाएं मौजूद रहती है। ऐसे में यदि किसी का बच्चा गंभीर रूप से बीमार हो जाता है और उसे आईसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता है तो वो एशियन सिटी हॉस्पिटल के नीकू वार्ड में अपने बच्चे को भर्ती करा सकते हैं। इसी तरह यहां का क्रिटिकल केयर विभाग भी अत्याधुनिक है। 24 घंटा डॉक्टर और स्टाफ मौजूद रहते हैं। विश्व स्तर के मानक को यहां फॉलो किया जाता है। 24 एंबुलेंस सेवा, फार्मेसी, जांच भी मौजूद है।

अस्पताल में घुटना का प्रत्यारोपण भी होता है
अस्पताल का हड्डी एवं जोड़ विभाग काफी एडवांस है। यहां बेहद कम कीमत पर घुटना और कूल्हा का प्रत्यारोपण हो जाता है। यहां कई लोगों के घुटना और कूल्हे के दर्द का स्थायी निवारण हो चुका है।

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जायज खर्च पर इलाज
राजवी रंजन बताते हैं कि अस्पताल में मरीजों के इलाज के दौरान उनकी माली हालत को भी ध्यान में रखा जाता है। कोशिश होती है कि मरीज का इलाज कम से कम पैसे में हो जाए ताकि कभी जरूरत पड़े तो वह खुशी-खुशी दोबारा आए। डाक्टर न अनावश्यक जांच लिखते हैं और न दवाईयां। जो जरूरी होता है बस वही मरीज के परिजनों का अदा करना पड़ता है।

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By Editor