असम बर्बरता : जंतर-मंतर पर वाम संगठनों ने किया प्रतिवाद
असम में पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत और सीने में गोली लगे व्यक्ति के शरीर पर कूदने जैसी बर्बरता के खिलाफ जंतर-मंतर पर वाम संगठनों ने किया प्रतिवाद।
आज असम बर्बरता के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर वामपंथी संगठनों ने प्रतिवाद किया। इसमें आइसा, एसएफआई और जेएनयू छात्र संघ के कार्यकर्ता शामिल थे। प्रदर्शनकारी दरांग बर्बरता के लिए जिम्मेदार असम के मुख्यमंत्री के भाई, जो वहां एसपी हैं, के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर रहे थे। प्रतिवाद में भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य भी शामिल थे।
असम में पुलिस ने अवैध कब्जा हटाने के नाम पर ग्रामीणों पर फायरिंग की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। इसमें एक 12 साल का किशोर भी था, जो पोस्ट ऑफिस से अपना आधार कार्ड लेकर लौट रहा था। एक व्यक्ति के सीने में गोली लगने पर वह गिर पड़ा, जिसके शरीर पर एक फोटोग्राफर डांस करने लगा। इसका वीडियो सामने आते ही देशभर से लोगों ने विरोध जताया।
आइसा ने कहा-असम में बर्बर हत्या, हिंसा और गलत तरीके से दरांग के मुस्लिमों को बेघर करने के खिलाफ जंतर-मंतर पर नागरिक प्रतिवाद किया गया। आइसा ने असम के मुख्यमंत्री से अविलंब इस्तीफे की मांग की। संगठन ने लोगों को बेघर करने के सरकारी अभियान पर रोक लगाने तथा अतिक्रमण हटाने के नाम पर अल्पसंख्यों की हत्या बंद करने की मांग की।
@COLLECTIVEDelhi ने असम के मुख्यमंत्री से इस्तीफे के साथ ही दरांग एसपी को गिरफ्तार करने की मांग की। संगठन ने भाजपा और संघ की नफरत की राजनीति के खिलाफ आंगे आने की अपील की।
उधर, कांग्रेस ने असम बर्बरता को स्टेट स्पांसर्ड टेरर करार दिया है। पार्टी ने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया है। आज राहुल गांधी ने ट्वीट किया-जब देश में नफ़रत का ज़हर फैलाया जा रहा है तो कैसा अमृत महोत्सव? अगर सबके लिए नहीं है तो कैसी आज़ादी?
असम के कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात करके इस बर्बर घटना की न्यायिक जांच की मांग की।
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