आत्महत्या करनेवाले संत के कमरे में मिले 3 करोड़, करोड़ों के जेवरात
आपको याद होगा। पिछले साल प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या कर ली थी। अब उनका कमरा खोला गया, तो मिले तीन करोड़ रुपए नकद। ये कैसा संन्यास?
पिछले साल 20 सितंबर को प्रयागराज में एक महंत नरेंद्रनाथ गिरि ने आत्महत्या कर ली थी। अब सीबीआई ने उनका कमरा खोला, तो उसमें तीन करोड़ रुपए नकद, करोड़ों के जेवरात, वसीयत, 13 कारतूस और 10 क्विंटल देसी घी मिला है। लेखक अशोक कुमार पांडेय ने लिखा-महंत यानी संसार से संन्यास लेने वाले, मोह-माया-लोभ से दूर ईश्वर भक्ति को जीवन देने वाले।
दैनिक भास्कर ने अपनी खबर में महंत के कमरे में रुपयों के अलावा 50 किलोग्राम सोना मिलने की भी खबर प्रकाशित की है। सोशल मीडिया पर जहां लोग संत के नाम पर गोरखधंधा करनेवालों को लानतें भेज रहे हैं, वहीं कुछ लोग खुलेआम बचाव में भी उतर आए हैं। लेखक अशोक कुमार पांडेय को बुरा-भला कह रहे हैं। उनके टाइमलाइन पर जा कर इन चरणचंपकों की प्रतिक्रिया पढ़ना रोचक हो सकता है।
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए, जब गुजरात में रेप के दोषियों के जेल से छूटने पर उन्हें मिठाई खिलाई गई। माला पहनाई गई। मिठाई और माला के पक्ष में बोलनेवाले लोग भी थे।
कुश आंबेडकरवादी ने लिखा-एक साल पहले प्रयागराज में हुई महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में आज CBI ने उनका कमरा खोला तो कमरे में 3 करोड़ रुपए कैश, जेवरात, करोड़ों रुपए की संपत्ति के डॉक्यूमेंट्स बरामद हुए। पूजा पाठ का धंधा, है सबसे चंगा। सुमन ने ट्वीट किया-अलग ठाठ है इन हिन्दू संतो के, अपने घर अपनी तिजोरियां सोने चांदी नकदी से भरते रहते हैं बाकी दुसरों के लिए दुनिया मोहमाया है सबका त्याग करो और इनके घर भरते रहो। सर्वेश मिश्र ने लिखा-वाह रे बाबा। शोभनाथ राव ने लिखा- पूजा पाठ का धंधा,है सबसे चंगा। ब्राह्मण धर्म एक धन्धा है। पड़ा लिखा भी अंधा है।
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