पहली गिरफ्तारी रीवा से सौरभ की हुई - फोटो नयी दुनिया

यड (एटीएस) ने पाकिस्तान संचालित बड़े टेरर फंडिंग गिरोह का खुलासा किया है। इस नेटवर्क के तार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, प्रतापगढ़, कुशीनगर से लेकर बिहार, राजस्थान व मध्य प्रदेश के रीवा तक फैले हुए हैं। एटीएस पिछले एक माह से इस मामले की तफ्तीश में लगी थी.

पहली गिरफ्तारी रीवा से सौरभ की हुई – फोटो नयी दुनिया

यूपी एटीएस ने इस मामले में अभी तक कुल दस लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक मुकेश प्रसाद बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है.

नई दुनिया  वेबसाइट ने खबर दी है कि पुष्टि होते ही यूपी एटीएस नेसबसे पहले रीवा के सेमरिया र उमा प्रताप सिंह उर्फ सौरभ को गिरफ्तार किया गया. यूपी एटीएस के प्रमुख असीम अरुण ने गिरफ्तार लोगों की सूची जारी की. इनमें  ( इसके बाद ताबड़तोड़ हुई छापेमारी में प्रतापगढ़ रानीगंज के संजय सरोज (31), नीरज मिश्र (25), लखनऊ गांधी ग्राम के साहिल मसीह (27), मध्य प्रदेश रीवा से शंकर सिंह, गोपालगंज बिहार के मुकेश प्रसाद (24), पडरौना कुशीनगर के मुशर्रफ अंसारी (23), आजमगढ़ के सुशील राय उर्फ अंकुर राय (25), गोरखपुर से दयानंद यादव (28), अरशद नईम (35) और नसीम अहमद (40) को गिरफ्तार किया गया.

आतंकवादियों को धन मुहैया कराने के मामले में यूपी एटीएस ने राजधानी लखनऊ समेत राज्‍य के कई जिलों में छापा मारकर 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी के तार पाकिस्‍तानी आतंकवादी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे। इनके बैंक खातों से 10 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था। यह धन नेपाल, पाकिस्‍तान और कतर के रास्‍ते भेजा गया था और पाकिस्‍तान में बैठे आतंकी इसे नियंत्रित कर रहे थे।

 

20 प्रतिशत के कमीशन पर चलता था कारोबार

टेरर फंडिंग का यह खेल 20 प्रतिशत के कमीशन पर चलता था. पहले आतंकी संगठन भारत के युवाओं से सम्पर्क साधते थे. उनके अकाउंट में पैसे ट्रांस्फर करते थे फिर उनसे कह के अपने नेटवर्क से जुड़ लोगों को पैसो का ट्रांजेक्शन कराया जाता था. इसके बदल उन्हें हर ट्रांजेक्शन पर 20 प्रतिशत तक का कमीशन दिया जाता था.

ध्यान रहे कि इस तरह के टेरर फंडिगं का मामला कुछ साल पहले  बिहार में भी उजागर हो चुका है.

By Editor


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