औरतों की नीलामी करनेवाले को बेल, पीड़ित महिलाओं ने उठाए सवाल

औरतों की ऑनलाइन नीलामी के लिए सुल्ली डील एप बनानेवाले को बेल मिला। बेल देते हुए कोर्ट ने जो कहा, उससे पीड़ित महिलाएं हुईं आहत। उठाए सवाल।

औरतों की ऑनलाइन नीलामी के लिए सुल्ली डील एप बनानेवाले ओंकारेश्वर ठाकुर को दिल्ली हाईकोर्ट ने आज बेल दे दिया। बेल देते हुए कोर्ट ने कहा कि सुल्ली डील एप बनाने के आरोपी का यह पहला अपराध था। वह युवा है। उसे लंबे समय तक जेल में रखना उसकी सेहत के लिए हानिकारक होगा।

कोर्ट की इस टिप्पणी पर सुल्ली डील से अपमानित महिलाएं निराश हैं। द वायर की युवा पत्रकार इस्मत आरा ने कहा-उस सूची में शामिल कई महिलाएं भी इस तरह के हमले की पहली बार शिकार हुईं। हममें से कई युवा महिलाएं हैं, जिन्हें लंबे समय तक के लिए मानसिक आघात पहुंचा है, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक है।

पत्रकार वंदिता मिश्रा ने लिखा-औरतों की यही हैसियत है। इसका मतलब आने वाले समय में ये और भी #ऐप बनाएगा, #रेप भी करवाएगा या खुद भी #मुस्कुराकर अपराधों को अंजाम देगा।

लेखक अशोक कुमार पांडेय ने कहा-सुल्ली डील के अपराधी का पहला अपराध था। बाक़ी जिन पत्रकारों, कलाकारों, activists वग़ैरह को जेल में डाला गया है वे बचपन से चक्कू चलाते थे? ‘मुस्कुराकर’ लिखा है यह।

एडवोकेट कृष्ण गोपाल यादव ने लिखा-आपका अपराध कितना भी बड़ा हो लेकिन अगर आप हिन्दू हैं तो आपके लिए न्याय है। #SulliDeals में आरोपियों को ज़मानत। बाकी उमर खालिद, सिद्दीक़ कप्पन, मीरान हैदर, और शारजील इमाम तो हैं ही जेल में रखने के लिए। भरत की न्यायपालिका मुस्लिम नफरत से सराबोर है। मो. फुरकान ने लिखा-वो जो सुल्ली और बुल्ली डील्स वाला मामला था, उसके आरोपियों को जमानत मिल गई. कोर्ट ने कहा – ‘आरोपियों ने पहली बार अपराध किया है, इसलिए लंबे समय तक जेल में रखना ठीक नहीं.’ क्या गजब फैसला है. कल को कहेंगे – आपने पहली बार क़त्ल किया है, आपका जेल में रहना ठीक नहीं।

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By Editor


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