नई लोकसभा के पहले दिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बता दिया कि उत्तर प्रदेश में उन्होंने भाजपा को उखाड़ फेंकने की राह खोज ली है। अयोध्या के मतदाताओं तथा विजयी दलित सांसद अवधेश प्रसाद को भाजपा समर्थकों ने क्या-क्या नहीं कहा। दलित सांसद को अपशब्द तक कहे गए, गाली तक दी गई। आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव उन्हें अपने साथ सबसे आगे-आगे लेकर चलते दिख रहे थे। उनके एक हाथ में संविधान था, तो दूसरे हाथ में अयोध्या के दलित सांसद अवधेश प्रसाद का हाथ था। वे अपने सभी 37 सांसदों के साथ पहुंचे थे। सभी 37 सांसदों के हाथ में संविधान था। यही नहीं, लोकसभा में सदन के भीतर सबसे अगली पंक्ति में अखिलेश यादव बैठे तथा अपने बगल में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बैठाया। उनकी एक तरफ राहुल गांधी बैठे तथा दूसरी तरफ अवधेश प्रसाद बैठे थे। इससे ही समझा जा सकता है कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति को किस प्रकार हिलाने वाले हैं। उनकी क्या रणनीति होगी, यह भी दिख जाता है।
————-
75 हजार पिछड़े-दलित छात्रों की नौकरी खा गई NDA सरकार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने नई लोकसभा के पहले दिन सबको चौंका दिया। वे सभी 37 सांसदों के साथ लोकसभा पहुंचे। सभी सिर पर लाल टोपी तथा हाथ में संविधान लेकर पहुंचे। अखिलेश यादव ने प्रवेश करने तक अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद का हाथ थामे रखा और फिर भीतर अपने साथ अगली पंक्ति में बैठा कर उन्होंने जता दिया कि उत्तर प्रदेश में सपा के सामाजिक समीकरण में दलितों की भूमिका सबसे ज्यादा रहने वाली है। उन्होंने बसपा तथा बहन मायावती को भी संदेश दे दिया। उन्हें पता है कि मायावती से उनका दलित जनाधार हताश है। वे भाजपा की बी टीम बन कर रह गई हैं। अखिलेश ने दलितों को संदेश दे दिया कि आपका वया धर सपा है। आप हमारे साथ आए। राहुल गांधी के साथ बैठ कर यह भी जताया कि उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस की दोस्ती अटूट है।