बार-बार आपा क्यों खो रहे मुख्यमंत्री, किस बात की परेशानी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी शालीनता के लिए जाने जाते रहे हैं, लेकिन अब वे बार-बार आपा खो दे रहे हैं। हाल में राजद पार्षद पर बिगड़े, कहा, बैठ जाओ, कुछ नहीं जानते।
कुमार अनिल
एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधान परिषद में अपना आपा खो दिया। राजद के सदस्य पर बिगड़ते हुए बोले- बैठ जाओ, कुछ नहीं जानते। उनके शब्दों को असंसदीय नहीं माना जा सकता, पर उनकी शैली एक सुलझे हुए नेता की नहीं कही जा सकती। वीडियो में वे निजी बातें भी कह रहे हैं। उन्होंने कहा-ये भी इधर से उधर के चक्कर में थे। सदन की गरिमा पर बहुत बात होती है। माहौल ऐसा हो कि विपक्ष सत्तापक्ष से कड़े सवाल भी पूछ सके, लेकिन अगर इस तरह नेता गुस्से में आएंगे, तो नए सदस्य कैसे बोल पाएंगे।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज मुख्यमंत्री का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया, जिसमें मुख्यमंत्री राजद सदस्य पर गुस्से में हैं। तेजस्वी ने पूछा- यह राजनीतिक दुर्बलता है या उम्र का असर? मैंने पहले ही कहा था कि वो थक-हार चुके हैं। मुख्यमंत्री जी सदन में खुलेआम गुस्से में विपक्षी सदस्यों को देख लेने, जांच करवाने, फंसाने-बचाने की धमकी-चेतावनी देते हैं।
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तेजस्वी ने पूछा कि क्या भाजपा का दबाव वो विपक्षी सदस्यों को हड़काने में हल्का करते हैं?
इससे पहले बिहार में लगातार अपराध की घटना होने पर एक पत्रकार के सवाल पर मुख्यमंत्री को गुस्सा आ गया था। तब भी वे सवाल का जवाब देने के बजाय गुस्से से भर उठे थे। इससे पहले विधानसभा चुनाव प्रचार में भी उन्हें कई बार आपा खोते देखा गया। एक बार उन्होंने बिना नाम लिये कहा था कि बेटा के लिए नौ-नौ बच्चे पैदा करते हैं। उनका इशारा साफ था। उनके इस बयान पर भी बाद में तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को घेरा था।
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मुख्यमंत्री पहले ऐसा नहीं थे। 10 वर्षों तक उनकी छवि शालीन थी। पिछले चुनाव में जब उन्हें काफी हदतक भाजपा पर निर्भर होना पड़ा, फिर चुनाव के बाद उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर पहुंच गई और अब वे जूनियर पार्टनर हैं, तो क्या वे इस परिस्थिति के दबाव में हैं। तेजस्वी ने तो यहां तक सवाल किया कि क्या वे भाजपा के दबाव को विपक्ष पर निकाल रहे हैं?