बदल रही है कांग्रेस : मोदी के 9 साल, 9 सवाल में जाति जनगणना भी

बदल रही है कांग्रेस : मोदी के 9 साल, 9 सवाल में जाति जनगणना भी

प्रधानमंत्री मोदी के 9 साल पूरे होने पर कांग्रेस ने 9 साल, 9 सवाल जारी किए हैं। इनमें जाति जनगणना के साथ महिला, दलित, आदिवासी, मुस्लिम और ओबीसी पर सवाल।

कुमार अनिल

यह पहले वाली कांग्रेस नहीं है। पहले वह जाति जनगणना और आरक्षण जैसे सवालों पर सैद्धांतिक सहमति तक सीमित रहती थी, अब उसने राजनीतिक मुद्दा बनाया। राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव में जाति गणना और आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत खत्म करने की मांग की थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 साल पूरे होने पर पार्टी ने 9 साल, 9 सवाल जारी किए हैं। इनमें एक सवाल जाति जनगणना पर भी है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि खासकर महिला, दलित, आदिवासी, मुस्लिम और ओबीसी पर अत्याचार होने पर चुप क्यों रहते हैं। यह सवाल बता रहा है कि कांग्रेस बदल रही है। अब उसका जोर सवर्णों पर नहीं, इन्हीं वंचित तबकों पर होगा। कांग्रेस इन सवालों पर 27 और 28 मई को देश के हर प्रदेश में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी।

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने शुक्रवार को 9 साल, 9 सवाल जारी किए। इसके बाद पूरी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया। राहुल गांधी ने कहा-झूठे वादों और जनता की दुर्दशा पर भाजपा ने खड़ी की 9 साल की इमारत! महंगाई, नफ़रत और बेरोज़गारी – प्रधानमंत्री जी, अपनी इन नाकामियों की लीजिए ज़िम्मेदारी!

प्रधानमंत्री मोदी से पूछे गए 9 सवाल 9 विषयों से जुड़े हैं। ये हैं अर्थव्यवस्था, कृषि और किसान, भ्रष्टाचार- मित्रवाद, चीन और राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक सद्भाव, सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक संस्थाएं और अंतिम 9 वां सवाल कोरोना मिसमैनेजमेंट को लेकर है।

पहला सवाल है कि क्यों देश में महंगाई और बेरोजगारी आसमान छू रही है, क्यों अमीर और अमीर हुए हैं और गरीब और गरीब? सार्वजनिक संपत्तियों को मोदी जी के मित्रों को क्यों बेचा जा रहा है? आर्थिक विषमता क्यों बढ़ रही है? दूसरा सवाल कृषि और किसान से जुड़ा है ऐसा क्यों है पिछले 9 सालों में किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई? काले कृषि कानूनों को रद्द करते समय किसान संगठनों के साथ हुए समझौते को अभी तक लागू नहीं किया गया? तीसरा सवाल भ्रष्टाचार पर है अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए एलआईसी और एसबीआई में जमा जनता के खून पसीने की कमाई को दांव पर लगा दिया गया है? भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात करने वाले प्रधानमंत्री इस पर जवाब क्यों नहीं देते कि अडानी की फर्जी कंपनियों में 20000 करोड़ रुपए किसके हैं?

सामाजिक न्याय पर पूछा गया है कि ऐसा क्यों है कि महिलाओं दलितों sc.st.obc और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर प्रधानमंत्री चुप रहते हैं? वह जाति जनगणना की मांग को नजरअंदाज कर रहे हैं?

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