दलित मुस्लिमों की पहचान तथा स्थिति जानने के लिए जस्टिस बालाकृष्णा आयोग बिहार पहुंचा है। इसकी रिपोर्ट पर ही दलित मुसलमानों का भविष्य निर्भर है। याद रहे ऑल इंडिया बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा सहित कई संगठन देश के दलित मुसलमानों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग करते रहे हैं। आयोग के समक्ष कोई भी संगठन तथा व्यक्ति इस विषय पर अपनी बात रख सकता है। ऑल इंडिया बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा के अध्यक्ष कमाल अशरफ ने कहा कि उनका संगठन 1994 से दलित मुसलमानों को एससी में शामिल करने के लिए अभियान चला रहा है। मोर्चा का एक प्रतिनिधि मंडल आयोग से मिल कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगा।

प्रतिनिधि मंडल में कमाल अशरफ के अलावा पत्रकार-लेखक इर्शादुल हक तथा असगर अली शामिल रहेंगे।

मालूम हो कि दलित मुसलमानों की पहचान और हालात जानने के लिए भारत के इतिहास में पहली बार दलित मुस्लिम एवं इसाई पर आयोग वर्ष 2022 में बना, जिसका नाम है जस्टिस बालाकृष्णन आयोग। इसकी रिपोर्ट 2024 में ही आनी है।

बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा सहित अन्य प्रबुद्ध लोगों ने अपील की है आयोग के सामने उपस्थित होकर दलित मुसलमानों की स्थिति से आयोग को अवगत कराएं। आयोग को जानकारी देनी है कि कौन मुस्लिम जातियां दलित वर्ग की हैं। इनकी शैक्षिक आर्थिक एवं दिगर स्थिति कैसी है। इनकी कमाई के रास्ते क्या है।

याद रहे.मुसलमानों की आबादी का 80 से 85 प्रतिशत हिस्सा दलित एवं पिछड़ी जातियों की है जिसमें दलित वर्ग अधिक हैं। 10 अगस्त, 1950 को धारा 341 पर लगे धार्मिक प्रतिबंध के कारण मुस्लिम दलित की स्थिति दिन व दिन दलित से भी बदतर हो चुकी है। 2005 में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट ने भी यह माना कि मुसलमान की हालत दलितों से भी बदतर है।

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केंद्र सरकार के द्वारा बना जस्टिस बालाकृष्णन आयोग दलित मुसलमानों की पहचान और हालात जानने हेतु 23 अगस्त, 2024 को ज्ञान भवन, पटना में 341 से संबंधित वार्तालाप करेगा। आयोग मुस्लिम संगठनों और ईसाइयों का पक्ष सुनेगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। आप फोन पर भी रजिस्ट्रेशन करा कर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर ले सकते हैं या फिर इस पते पर संपर्क करके अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। बिहार राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम लि० पटना ऑफिसर्स हॉस्टल, ब्लॉक-ए, बेली रोड, पटना-800001, दूरभाष संख्या 06122525612

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By Editor


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