बनारस में स्कूल बंद, शिक्षकों को घाटों पर दीया जलाने का आदेश
दो वर्षों से पढ़ाई बाधित है। अब यूपी में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के दिन बनारस के घाटों पर दीया जलाने का काम मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में जिस तरह सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल हो रहा है, वह भी एक रिकॉर्ड है। पहले हजारों की संख्या में सरकारी बस जब्त करके उनकी रैली में लोगों को ढोने में लगाया गया और अब बनारस में स्कूल बंद करके शिक्षकों को घाटों पर दीया जलाने में लगा दिया गया है।
पूर्व आएएस सूर्य प्रताप सिंह ने जैसे ही यह सनसनीखेज जानकारी शेयर की, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया-सरकारी स्कूल बंद कर शिक्षकों की ड्यूटी आज घाटों पर दीये जलाने के लिए लगायी गयी है। सरकारी तंत्र और जनता के पैसों से बनी संस्था अब भाजपा के अधीन हैं और सरकारी कर्मचारी अब उनके गुलाम। जब चाहें जैसे चाहें दुरुपयोग करें और मीडिया उनका महिमामंडन करता रहे। अच्छे दिन आ गए!
1000s of teachers from UP deployed to put 2.5 lamps across ghats.
— Chand Miyan Qureshi (@miyan_qureshi) December 13, 2021
Aaj Banaras ke sarkari schools mein chutti hai 😜 pic.twitter.com/EOzPimV7ih
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज बनारस कार्यक्रम का प्रचार यूपी ही नहीं, बिहार सहित अनेक प्रदेशों के अखाबारों में किया गया है। यूपी के अखबारों में दो-दो पेज का विज्ञापन दिया गया है। टीवी चैनल लाइव दिखा रहे हैं। भाजपा की कोशिश है कि महंगाई, बेरोजगारी, पुलिस उत्पीड़न, एमएसपी और खाद की कमी जैसे तमाम मुद्दों को धर्म की आड़ में ढंक दिया जाए। लोग धर्म के नाम पर अपना दर्द भूलकर फिर से भाजपा के पक्ष में हो जाएं। इस कार्य में सरकारी मशीनरी का जिस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है, वह पहले कभी नहीं हुआ। इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि सरकारी स्कूलों में इन्हीं के बच्चे पढ़ते हैं। दब सरकारी बसों को जब्त करके रैली में लगाया जाता है, तब भी आम आदमी ही परेशान होता है।
सवाल है कि क्या भाजपा अपने मकसद में कामयाब हो पाएगी, क्या लोग महंगाई, बेरोजगारी को दीये जलाने से खुश होकर भाजपा को वोट देंगे? जिस तरह भाजपा ने बनारस में मंदिर के कॉरिडोर के निर्माण को मुद्दा बनाया है, लगता है, वह यहीं नहीं रुकेगी। जल्द ही अन्य ऐसे ही मुद्दे सामने आएंगे।
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