बनारस से चला गंगा विलास क्रूज छपरा में फंस गया, निकाले गए यात्री
तीन दिन पहले प्रधानमंत्री ने जिस ‘विश्व के सबसे लंबे’ क्रूज को बनारस से रवाना किया था, वह सोमवार को छपरा के निकट गाद में फंस गया।
प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने ‘विश्व के सबसे लंबे’ जिस गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था, वह सोमवार को छपरा के निकट कम पानी और गाद में फंस गया। इसके बाद राहत बचाव दल पहुंचा और क्रूज के यात्रियों को छोटी नावों से बाहर निकाला गया।
मीडिया से मिल रही जानकारी के अनुसार गंगा विलास क्रूज को छपरा से 11 किमी दूर डोरीगंज के निकट चिरांद पुरातत्व स्थल के निकट पहुंचना था, लेकिन यहां पहुंचने के पहले ही कम पानी, बालू और गाद में यह क्रूज फंस गया। यात्रियों को राहत-बचाव दल ने सुरक्षित बाहर निकाला है। उन्होंने छोटी नावों से किनारे लाया गया। क्रूज को किनारे लाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन खबर लिखे जाने तक इसमें सफलता नहीं मिली है।
गंगा विलास क्रूज के गाद में फंस जाने की खबर सोशल मीडिया में भी शेयर की जा रही है। हिंदुस्तान की पुर्व संपादक मृणाल पांडेय ने कहा-लखटकिया गंगा विलास क्रूज़ का ये, कि वाराणसी से चली और छपरा तक पहुँच कर गाद में फँस गई ? राम तेरी गंगा उथली हो गई!!
गंगा विलास क्रूज अपनी यात्रा के तीसरे दिन ही सिल्ट में फंस गया। क्रूज की यात्रा वाराणसी से शुरू हई थी, जिसे कोलकाता, ढाका होते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक जाना है। 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसे 3200 किमी की यात्रा पूरी करनी है, लेकिन शुरुआत में ही संकट आ गया।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस तरह कम पानी और गाद के कारण क्रूज फंस गया, क्या आगे ऐसी स्थिति नहीं होगी, इसकी गारंटी कैसे होगी। यह जानकारी नहीं है कि इस क्रूज के आगे पानी की गहराई तथा बाधा न होने के लिए संसाधनों से युक्त कोई पानी जहाज चल रहा है या नहीं।
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