बांग्लादेश के काली मंदिर पहुंचे पीएम, नजर बंगाल पर
प्रधानमंत्री बांग्लादेश के जेशोरेश्वरी काली मंदिर पहुंचे। यह 51 शक्तिपीठों में एक है। कर्नाटक चुनाव से पहले वे नेपाल के मंदिर पहुंचे थे। क्या यह संयोग है?
आज प. बंगाल में पहले चरण का चुनाव हो रहा है। आज ही प्रधानमंत्री बांग्लादेश के प्रसिद्ध काली मंदिर पहुंचे। यह 51 शक्तिपीठों में एक है। खुद प्रधानमंत्री ने मंदिर में दर्शन करते अपने फोटो और अपना वाडियो ट्विटर पर शेयर किया है। यह भी ध्यान रखनेवाली बात है कि प. बंगाल में मां काली सबसे ज्यादा पूजी जाती हैं। वीडियो में प्रधानमंत्री पूरे भक्तिभाव में बार-बार मां काली के आगे झुक रहे हैं।
जनसत्ता के पूर्व संपादक और एचजे स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकोशन के संस्थापक वाइस चांसलर ओम थानवी ने कहा- पहले कर्नाटक चुनाव के रोज़ नेपाल के मंदिरों में पहुंच कर यह प्रयोग किया था। अब बांग्लादेश से आज़मा रहे हैं। नज़र में प. बंगाल का मतदाता है। कितना मासूम चातुर्य है!
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प्रधानमंत्री वहां मतुआ (मातृशूद्र) समुदाय के लोगों से भी मिले। इस समुदाय के लोग लाखों की संख्या में देश के विभाजन के बाद प. बंगाल में आकर बसे। उन्हें वोट देने का अधिकार मिला है, पर नागरिकता का सवाल अनसुलझा है। माना जाता है कि इस समुदाय का प. बंगाल की 70 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है। चुनाव से पहले भी इस समुदाय को अपनी तरफ करने के लिए हर दल प्रयास करता रहा है।
प्रधानमंत्री इस समुदाय के मंदिर में गए और समुदाय के प्रतिनिधियों से मिले। इस समुदाय के गुरु और आध्यात्मिक पुरुष हरिचंद ठाकुर का यह जन्मस्थान भी है। खुद प्रधानमंत्री के ट्विटर हैंडल से उनकी कई तस्वीरें साझा की गई हैं, जिसमें वे यहां इस समुदाय के प्रतिनिधियों से बात कर रहे हैं।