ठीक सौ साल पहले आज ही के दिन बेलगावी में महात्मा गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। उसी अधिवेशन से गांधी ने अहिंसा, सत्याग्रह और सर्वोदय का नारा दिया था। अछूत प्रथा के खिलाफ विशेष सम्मेलन को भी गांधी ने संबोधित किया था। आज उस ऐतिहासिक अधिवेशन के सौ साल पूरे होने के अवसर पर कांग्रेस कार्य समिति की विस्तारित बैठक हो रही है। यहीं कल जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली होगी। माना जा रहा है कि इस रैली से कांग्रेस किसी बड़े अभियान की घोषणा करेगी।
सौ साल पहले भी हिंदू-मुस्लिम एकता को कमजोर करने वाले लोग सक्रिय थे। गांधी ने दोनों समुदायों में सद्भाव के लिए 21 दिनों का उपवास किया था। अंग्रेजों से राजनीतिक आजादी हासिल करने के आंदोलन के साथ ही सामाजिक सुधार आंदोलन को भी कांग्रेस ने अपने लक्ष्य में शामिल किया। खास कर जातिवाद, जाति के कारण भेदभाव, अछूत प्रथा के खिलाफ हल्ला बोला था। उस अधिवेशन में 30 हजार लोग शामिल हुए थे। सबके ठहरने की व्यवस्था की गई थी। शौचालयों की सफाई के लिए 70 लोग कार्य कर रहे थे। इनमें 40 ब्राह्मण थे। गांधी जी ने इस तथ्य को खुद यंग इंडिया में लिखा था।
इस बार भी कांग्रेस हिंदू-मुस्लिम भाइचारे के साथ ही जाति उत्पीड़न तथा भेदभाव के खिलाफ किसी बड़े अभियान की घोषणा कर सकती है। जय बापू जय भीम रैली पहली बार हो रही है। कई लोग गांधी और आंबेडकर को एक दूसरे का विरोधी बताते रहे हैं। कांग्रेस ने गांधी और आंबेडकर को साथ जोड़ दिया है।
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पार्टी आर्थिक असमानता , अर्थतंत्र में अडानी के एकाधिकार के खिलाफ मुखर रही है। इस बीच देश में नफरत को लगातार हवा दी जा रही है। संविधान को लगातार कमजोर किया जा रहा है। ये सब मुद्दे होंगे। इन्हें जनता के बीच ले जाने के लिए राहुल गांधी एक बार फिर से बारत जोड़ो यात्रा की तरह कोई देशव्यापी यात्रा पर निकल सकते हैं।