Bihar Assembly Election निर्धारित समय पर होगा. उम्मीद की जा रही है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह तक इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जायेगी. विधानसभा चुनाव कराने को लेकर Election Commission ने शुक्रवार को Covid Pandemic से बचाव का ध्यान रखते हुए नामांकन पत्र दाखिल करने, चुनावी रैली से लेकर बूथ तक होनेवाले मतदान और मतगणना को लेकर 15 प्रकार का विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया. इसका पालन नहीं करनेवालों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई भी की जायेगी.
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि फेस मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर, ग्लव्स, पीपीई किट्स का इस्तेमाल पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान किया जायेगा. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन होगा. आयोग ने निर्देश के अनुसार बूथ पर वोट डालनेवाले हर मतदाता को एहतियात के तौर पर ग्लब्स दिया जायेगा. वैसे मतदाता जिनकी थर्मल स्क्रीनिंग में तापमान अधिक पाया जाता है, तो उनको अंतिम घंटे में मतदान का अवसर मिलेगा.
Isilation में रहनेवाले कोविड संक्रमितों के लिए Postal Ballet की व्यवस्था होगी. साथ ही आयोग ने चुनाव लड़नेवाले प्रत्याशियों को ऑनलाइन नामांकन पत्र दाखिल करने, Online ही शपथपत्र और सिक्युरिटी मनी जमा कराने का विकल्प दिया है. आयोग ने जिला स्तर और विधानसभा स्तर पर नोडल हेल्थ ऑफिसर की तैनाती का निर्देश दिया है.
प्रत्याशियों को ऑनलाइन नामांकन पत्र दाखिल करने का विकल्प होगा. सशरीर नामांकन पूर्व की भांति किया जायेगा. रिटर्निंग ऑफिसर प्रत्याशियों के लिए एडवांस टाइम भी आवंटित कर अलग-अलग समय पर नामांकन का अवसर दिया जा सकता है. नामांकन के लिए सिर्फ दो लोग ही रिटर्निंग ऑफिसर तक जायेंगे. आयोग ने कहा कि नामांकन के समय प्रत्याशी अधिकतम दो गाड़ी के साथ ही जा सकते हैं.
डोर टू डोर कैंपेन के जन-संपर्क अभियान में प्रत्याशी को अधिकतम पांच लोगों के साथ जाने की अनुमति दी गयी है. रोड शो के दौरान काफिले के एक हिस्से में पांच गाड़ियां ही रहेगी. आधे घंटे बाद ही पांच गाड़ियों का दूसरा काफिला निकाला जा सकेगा. दो काफिलों के बीच 100 मीटर की दूरी रखना होगा. कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन कर ही चुनावी सभा करायी जा सकेगी. चुनावी सभा स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निशान बनाये जायेंगे.
राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की तरफ से तय संख्या से ज्यादा लोग रैली में शामिल नहीं होंगे. जिलाधिकारी पूर्व में ही चुनावी सभा के लिए डेडीकेटेड ग्राउंड का चयन करेंगे, जो प्रवेश और निकास की मार्किंग के साथ होगा. जिला नोडल हेल्थ ऑफिसर की वहां पर तैनाती की जायेगी. डीएम और एसपी द्वारा इसकी निगरानी की जायेगी कि वहां पर निर्धारित संख्या से अधिक लोग जमा नहीं हो सकें.
पहली बार बिहार विधानसभा आम चुनाव में एक हजार मतदाताओं के वोटिंग के लिए एक बूथ की स्थापना की गयी है. राज्य में इस बार एक लाख छह हजार बूथ बनाये गये हैं. वोटिंग से एक दिन पहले बूथ को सैनिटाइज किया जायेगा. हर बूथ के प्रवेश और निकास द्वार पर साबुन, पानी, सैनिटाइजर मुहैया कराया जायेगा. जो वोटर मास्क लगाकर नहीं आयेंगे, उनके लिए बूथ पर रिजर्व में मास्क रखे जायेंगे. हर बूथ के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनर लगाया जायेगा. हर वोटर की वहां पर थर्मल जांच होगी.
अगर किसी वोटर का पहली रीडिंग में तापमान निर्धारित मानक से ऊपर आता है, तो उसके तापमान की जांच दोबारा की जायेगी. दूसरी बार भी यह ज्यादा तापमान आने पर वोटर को टोकन और सर्टिफिकेट दिया जायेगा कि वह वोटिंग के आखिरी घंटे में बूथ पर आकर वोट डाले. कोरेंटिन किये गये कोरोना के मरीज भी वोटिंग के आखिरी घंटे में स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में वोट डालने जायेंगे. कोरोना मरीजों की वोटिंग की प्रक्रिया को संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट कोऑर्डिनेट करेंगे. कोरोना पॉजिटिव, कोरोना संदिग्ध या कोरेंटिन किये गये मतदाता पोस्टल बैलट से भी वोट डाल सकेंगे.
वोटरों की सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दो गज यानी छह-छह फीट की दूरी पर 15 से 20 सर्कल बनाया जायेगा. वोटरों के लिए तीन कतारें होंगी. पहली पुरुषों के लिए, दूसरी महिलाओं के लिए और तीसरी दिव्यांग और सीनियर सिटिजन के लिए होगी. हर चुनाव अफसर के सामने एक बार में सिर्फ एक वोटर जायेगा. हर वोटर को रजिस्टर पर साइन करने और ईवीएम का बटन दबाने के लिए ग्लव्स दिया जायेगा. बूथ पर कोरोना जागरूकता को लेकर पोस्टर-बैनर लगाया जायेगा.
आयोग ने निर्देश दिया है कि चुनावी कार्य करनेवाले हर कर्मी व पदाधिकारी को मास्क पहनना अनिवार्य है. चुनावी उपयोग वाले कमरों और परिसरों में हर व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी. वहां सैनिटाइजर, साबुन और पानी मुहैया कराया जायेगा. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बड़े हॉल की पहचान करनी है. चुनावी ड्यूटी में किसी भी कर्मचारी को कोरोना होता है, तो उसके बदले में ड्यूटी संभालने के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मी रखे जाएं. चुनाव सामग्री देने और इकट्ठा करने की प्रक्रिया भी बड़े हॉल में करायी जायेगी. इवीएम की पहली और दूसरी रैंडमाइजेशन का काम भी बड़े हॉल में किया जायेगा.