बिहार के 602 गांव में से 477 गांव में बैंकिंग आउटलेट खोल दिए गए हैं और शेष 125 गांव में जल्द ही आउटलेट शुरू किये जाएंगे।
बिहार विधानसभा में उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के जीवेश कुमार समेत दस सदस्यों की ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब देते हुए कहा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने बिहार में 5000 से अधिक आबादी वाले गांव की सूची तैयार की है, जहां बैंकिंग आउटलेट की सुविधा नहीं थी। इस सूची में शामिल 602 गांव में से 470 गांवों में बैंकिंग आउटलेट खोल दिए गए हैं बाकी बचे 125 गांव में बैंकिंग आउटलेट खोलने के लिए विभिन्न बैंकों को निर्देश दिए गए हैं।
श्री मोदी ने कहा कि 31 मार्च 2019 के आंकड़े के अनुसार, राज्य में कुल 7469 बैंक शाखाएं कार्यरत हैं, जिनमें से 5917 बैंक शाखाएं ग्रामीण एवं अर्ध शहरी क्षेत्र में कार्यरत हैं। इनके साथ बैंकों के 18230 बैंकिंग कॉरस्पॉडेंट अथवा ग्राहक सेवा केंद्र भी इन क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा एक सितंबर 2018 से भारतीय डाक विभाग द्वारा इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शुरुआत पूरे देश में की गई है । बिहार के 38 इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाएं तथा उसके 6700 सेवा केंद्रों के माध्यम से भी जिलों से लेकर गांव तक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार 1073 पंचायत सरकार भवनों की सूची भी राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के माध्यम से राज्य के बैंकों को उपलब्ध करा चुकी है, जिसमें बैंक, संबंधित पंचायतों की सहमति से बैंक शाखा खोल सकते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की अद्यतन सूचना के अनुसार, राज्य के सभी पंचायतों को बैंकिंग सुविधा प्रदान की जा रही है । उन्होंने कहा कि बैंकर्स समिति की तिमाही बैठकों में गांव में बैंकिंग सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए विभिन्न बैंकों को निर्देश दिया गया है ।
इससे पूर्व भाजपा के जीवेश कुमार ने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा था कि बिहार सरकार की लगभग सभी सरकारी योजनाओं में मिलने वाले लाभ की राशि सीधे लाभुकों के बैंक खाते में जाती है। बैंक की शाखा राज्य के सभी पंचायतों में नहीं रहने के कारण लोगों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से सभी पंचायतों में सरकारी बैंक की कम से कम एक शाखा खुलवाने का आग्रह किया था।