इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम
तो लीजिए हाजिर है बिहार_बजट पर एक्सक्लुसिव खबर. चुनाव पूर्व बजट के लोकलुभावन बनाने के भाजपा के सपने पर नीतीश ने पानी फेर दिया है. नीतीश को हलके में लेने के नरेंद्र मोदी ने बड़ी भूल कर दी. उन्हें लाडला कह कर खुद ही भ्रमजाल में फंस गये. और इधर नीतीश ने चाणक्य नीति ऐसी चली कि भाजपा की कमर ही तोड़ दी.
3 लाख 17 हजार करोड़ का बजट. पर कहीं भी कोई ऐसी घोषणा नहीं जिससे जनता डायरेक्ट बेनिफिट उठा सके. भाजपा चाहती थी कि नीतीश लाडली बहना योजना टाइप कुछ करने की अनुमति दें. ताकि तेजस्वी की माई-बहन मान योजना की काट पेश की जा सके. इतना ही नहीं पांच सौ रुपये रसोई गैस पर भी वित्त मंत्री सम्राट चौधरी नीतीश के सामने नांक रगड़ रहे थे. नीतीश ने नहीं होने दिया. जबकि महाराष्ट्र से ले कर मध्यप्रदेश तक ऐसी योजनाओं ने ही भाजपा को सत्ता दिलाई.
हांलिक तेजस्वी को आभास हो गया था कि भाजपा वाले उनकी योजना की काट पेश कर सकते हैं. इसी लिए उन्होंने बजट से एक दिन पहले सियासी बिसात बिछा दी. और कहा कि सरकार महिलाओं को ढ़ाई हजार रुपये देने का ऐलान करे. उन्हें सूचना मिल चुकी थी कि भाजपा वाले उनकी योजना को हाईजेक कर सकते हैं. पर नीतीश टस से मस नहीं हुए.
नीतीश का असल गुस्सा उन्हें मुख्यमंत्री घोषित न किया जाने से है. उन्होंने सोचा, यह समझा जाता है कि अगर ऐसी योजनायें घोषित कर दी गयीं तो भाजपा इसका पूरा श्रेय ले जायेगी. उन्हें यह भी याद था कि 2020 में चिराग मॉडल से भाजपा ने उन्हें बड़ा जख्म दिया है. लिहाजा उन्होंने बजट में किसी भी लोकलुभावन योजना को घुसाने नहीं दिया.
नीतीश ने साफ तौर पर तेजस्वी के लिए पिच आसान बना दी है. तेजस्वी गदगद हैं. और इस बजट का एक साफ संकेत भी है. कि भाजपा टिगिरबिगिर करेगी तो तेजस्वी को ही आगे बढ़ाया जाना ठीक है.
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तेजस्वी यादव ने बजट पर नीतीश सरकार को गजब घेरा
इस पूरी गुत्थी को सुलझाने की हमने इस विडियो स्टोरी में कोशिश की है. देखिए विडियो.