बिहार में सोमवार को 2297 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई। इस तरह राज्य में कोविड 19 संक्रमितों की संख्या 59 हजार 567 हो गई। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अररिया में 24, अरवल में 10, औरंगाबाद में 46, बाँका में 45, बेगूसराय में 130, भागलपुर में 44, भोजपुर में 84, बक्सर में 49, दरभंगा में 46, गया में 91, पूर्वी चंपारण में 96, गोपालगंज में 27, जमुई में 21, जहानाबाद में 17, कैमूर में 17, कटिहार में 137, खगड़िया में 51, किशनगंज में 9, लखीसराय में 26, मधेपुरा में 20, मधुबनी में 95, मुंगेर में 10, मुजफ्फरपुर में 82, नालंदा में 84, नवादा में 22, पटना में 293, पूर्णिया में 72, रोहतास में 68, सहरसा में 90, समस्तीपुर में 46, सारण में 72, शेखपुरा में 30, शिवहर में 8, सीतामढ़ी में 69, सीवान में 57, सुपौल में 57, वैशाली में 115 और पश्चिमी चंपारण में 37 नए संक्रमित मिले हैं।
सामान्य उम्र अथवा अधिक उम्र के कोरोना संक्रमित लोगों की अपेक्षा नवजात बच्चों पर कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है। ऐसे बच्चे बड़ों की अपेक्षा जल्दी स्वस्थ हो रहे हैं। बड़ी उम्र के संक्रमितों को स्वस्थ होने में जहां सात से 14 दिन का समय लग रहा है, वहीं नवजात बच्चे तीन से चार दिन में ही पॉजिटिव से निगेटिव हो रहे हैं। संक्रमित मां से जन्म लेने वाले बच्चे में भी संक्रमण का प्रकोप नहीं के बराबर हो रहा है। यह खुलासा एम्स पटना में जन्मे 11 बच्चों के अध्ययन के बाद एम्स पटना के डॉक्टरों ने किया है।
AIIMS Patna के वरीय चिकित्सक सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण प्रसाद नवजात बच्चों पर हुए शोध में शामिल थे। अपने अध्ययन के बाद उन्होंने बताया कि बड़ों की अपेक्षा बच्चों में कोरोना वायरस की सक्रियता कम रहती है। बच्चे बड़ों की अपेक्षा जल्दी स्वस्थ हो जा रहे हैं। बच्चों में मां से प्रतिरोधक क्षमता मिलती है।