मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में प्रगति यात्रा पर निकले हैं। उनकी यात्रा पर राजद ने एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें तेजस्वी यादव कहते दिख रहे हैं प्रदेश की दुर्गति और यात्रा का नाम प्रगति। प्रति व्यक्ति आय से लेकर सतत विकास के हर पैमाने पर बिहार सबसे नीचे हैं। बेरोजगारी चरम पर है। इसी कारण जीवनयापन के लिए बिहार के युवा अपमान सह कर भी दूसरे प्रदेश में जाने को मजबूर हैं। खेती में लगी आबादी परेशान है, क्योंकि खेती अब लाभकारी नहीं रह गई। पिछले 20 वर्षों में राज्य में कोई नया उद्योग लगा नहीं और जो पहले से उद्योग थे, वे नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री रहते बर्बाद होकर बंद हो गए। इसी को याद दिलाते तेजस्वी यादव कहते दिख रहे हैं कि बिहार बर्बाद है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा निकाल रहे हैं। राजद का यह पोस्टर पटना में पार्टी कार्यालय के समाने लगाया गया है। पोस्टर को रुक-रुक कर लोग देख रहे हैं।

मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के प्रचार और प्रबंधन पर होने वाले खर्च पर भी सवाल उठे हैं। बिहार जैसे गरीब राज्य के मुख्यमंत्री अपनी यात्रा पर 225 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं। सारे अखबारों में रोज भर-भर पन्ने का विज्ञापन दिया जा रहा है।

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राजद के इस पोस्टर से प्रगति यात्रा पर नया विवाद शुरू हो गया है। राजद नेताओं ने बताया कि पोस्टर जो संदोश दे रहा है, उसे राज्य भर में पहॆंचाया जाएगा। राज्य के लोगों को बताया जाएगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किस बात की प्रगति का जश्न माने बिहार दौरा कर रहे हैं। हां प्रगति भ्रष्टाचार में हुई है। प्रगति बेरोजगारी में लगातार हो रही है। प्रगति महंगाई में लगातार हो रही है। क्या मुख्यमंत्री इसी प्रगति की बात कर रहे हैं। उधर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की कार्यकर्ता संवाद यात्रा की सफलता से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है।

नीतीश और तेजस्वी दोनों बिहार यात्रा पर, दोनों में बेहतर कौन, सफल कौन?

By Editor


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