शाहबाज़ की इनसाइड पोलिटिकल स्टोरी
बिहार चुनाव 2020: अलग होगा, कोरोना महामारी की वजह्कर न तो नेताजी हेलीकाप्टर से भाषण देने आएंगे, न ही जनसभाएं होंगी मगर चुनाव तो होगा. इस बदले हुए चुनावी परिदृश्य को मद्देनज़र रखते हुए बिहार की तमाम सियासी पार्टियों ने डिजिटल चुनाव प्रचार की होड़ लग गयी है।
बिहार चुनाव करीब आते ही नेतागण इन दिनों चुनाव प्रचार के नए नए तरीके खोज रहे है क्यूंकि कोरोना महामारी के कारण लॉक डाउन की वजह से पुराने ढर्रे पर न तो चुनाव होंगे न ही जनसभाएं होंगी। नेताओं की बेचैनी इस बात को लेकर है की जो प्रत्याशी डिजिटल चुनाव प्रचार में आगे रहेगा वही चुनाव जीतेगा। भले ही नेताओं ने ज़मीनी राजनीति में कितना भी लम्बा अरसा गुज़ारा हो लेकिन इस बार जो भी वर्चुअल राजनीति में पिछड़ गया समझो वह चुनाव हार गया। क्यूंकि कोरोना महामारी के दौरान पुराने तरीको से चुनाव प्रचार संभव नहीं जिसमे लोगो के घर घर जाकर जनसम्पर्क करना होता था।
बिहार की सभी नेताओं में डिजिटल चुनाव प्रचार में आगे निकलने की होड़ लगी हुई है। फेसबुक हो या ट्विटर या फिर व्हाट्सप्प या यूट्यूब नेतागण कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। वही पार्टियों की बात करे तो NDA (National Democratic Alliance) खेमे के दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जदयू (JDU) वर्चुअल वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये कार्यकर्ताओं को निर्देशित कर रहे है वही जनता को लुभाने के लिए डिजिटल रैलियां कर रहे है। वही मुख्य विपक्षी दल राजद (RJD) ने कोरोना काल में भी चुनाव न टलते देख वर्चुअल मोड में चुनावी प्रचार पर अपनी सारी ताकत झोंक दी है।
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डिजिटल रैलियों से जनता से जनसम्पर्क
बिहार की सभी प्रमुख पार्टियां कोरोना काल में जनता से संपर्क साधने के लिए डिजिटल रैलियां कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 6 सितम्बर को जदयू के एक डिजिटल प्लेटफार्म “जदयू लाइव” (jdulive.com) का उद्घाटन करेंगे जिसे वर्चुअल रैली करने के लिए बनाया गया है. मुख्यमंत्री इसपर जान संवाद कार्यकर्म करेंगे। इस पलटफोर्म में लाखो लोगो से एक साथ जुड़ा जा सकता है. राजद भी डिजिटल जनसम्पर्क में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है. बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजशवी यादव जो सोशल मीडिया पर बहुत मशहूर है, भी डिजिटल मोड में पार्टी के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे है.
वही सबसे ज़्यादा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाली बीजेपी ने 22-23 अगस्त को अपनी दो दिवसीय राज्य कार्यकारिणी की बैठक डिजिटल रूप में आयोजित की,जिसमे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, महासचिव भूपेन्द्र यादव और बिहार के कुछ राज्य नेताओं ने संबोधित किया जिनमे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी थे।
वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से कार्यकर्ताओं से संपर्क
जहाँ पहले चुनाव आते ही ज़मीनी कार्यकर्ताओं की आवभगत की जाती थी अब उनकी जगह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले कार्यकर्ताओं ने ले ली है. नेतागण उनसे अपनी बातें कम से काम दस या बीस लोगो को फॉरवर्ड करने को कह रहे हैं ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगो को लुभा सके. नए ज़माने के चुनावी जनसम्पर्क में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग और लाइव वीडियो बड़ी भूमिका निभा रहा है. इस से कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया जा रहा और अधिक से अधिक लोगो तक अपनी बात को पहुंचाया जा रहा है. वही ज़मीनी कार्यकर्ताओं ने भी समय भांप कर अपने आप को डिजिटल प्लेटफार्म पर मज़बूत करने में लग गए है. ताकि वह बदलते दौर में पीछे न रह जाएं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये ही करोडो की योजनाओं का शिलान्यास कर रहे है. वही बीजेपी भी ट्विटर पर “NDA सरकार, प्रगतिशील बिहार” और “हारेगा कोरोना,जीतेगा बिहार” जैसे नारो से सोशल मीडिया पर अभियान चला रही है.
हाल ही में बीजेपी के बिहार चुनाव के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा की “इसमें कोई संदेह नहीं है कि राज्य के एक बड़े हिस्से में महामारी और बाढ़ की वजह से स्थिति चुनौतीपूर्ण है लेकिन चुनौतियां हमें और कठोर बनती है। हमारे लोग लोगों के दरवाजे पर जायेंगे और उनका चुनावी आशीर्वाद प्राप्त करेंगे”.
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चुनाव आयोग ने 21 अगस्त को बिहार में कोरोना महामारी के दौरान चुनाव कराने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। दिशानिर्देशों के अनुसार अभियान के आयोजन, मतदान के साथ-साथ मतगणना प्रक्रिया पर कई ज़रूरी प्रतिबन्ध लगाए गए है। जिससे चुनावो के दौरान महामारी का फैलाव न हो पाए.
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डिजिटल प्रचार पर जनता की राय
बिहार की जनता भी कोरोना के कारण बदले हुए चुनावी परिदृश्य में अपने आप को ढालने में लगी हुई है. लोग सोशल मीडिया पर अपने मनपसंद नेता के भाषणों को देख और सुन रहे है. युवा वर्ग जो सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहते है, चुनावो की खबरों को अपने दोस्तों के ग्रुप्स में शेयर कर रहे है. लेकिन डिजिटल चुनाव अभियान का दूसरा पहलु यह है की बहुत से लोग जिनमे सीनियर सिटीजन्स और घरेलु महिलाएं है वह टीवी देख कर ही राजनीतिक गतिविधियों पर नज़र बनाये हुए है. जहाँ तक अपने इलाके की समस्याओं को नेताओं तक पहुँचाने की बात है, लोग फेसबुक पर कमेंट करके अपनी राय ज़ाहिर कर रहे हैं.